कांग्रेस और वामदलों की गढ़ मानी जाने वाली सिकटा विधानसभा सीट पर कई प्रमुख पार्टियों और नेताओं ने चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है। इस सीट पर दिलीप वर्मा, खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता जैसे प्रमुख नेताओं ने चुनाव लड़ा है और जीत हासिल की है। दिलीप वर्मा ने साल 2010 में इस सीट से चुनाव जीता था, जबकि खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने साल 2015 में जीत हासिल की थी। बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने साल 2020 में इस सीट से चुनाव जीता था।
राजनितिक इतिहास :
पश्चिम चम्पारण जिलें में आनेवाला सिकटा विधानसभा सीट में मौजूदा समय में सीपीआईएमएल के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता यहां से विधायक हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में फ़िरोज़ अहमद ने BJP के दिलीप वर्मा को 2,835 वोटों से मात दी थी. दिलीप वर्मा इस सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं.
1962 को छोड़कर 1990 से पहले यहां पर 1977 तक कांग्रेस का दबदबा रहा और पार्टी की चुनाव में पांच बार जीत हुई. 1962 में स्वतंत्र पार्टी ने चुनाव जीता था. 1980 में जनता पार्टी और 1985 में जनता पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की थी 1990 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी फैयाजुल आजम ने जीत हासिल की थी लेकिन 1991 के उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी दिलीप वर्मा ने जीत हासिल की. 1995 में चंपारण विकास पार्टी, 2000 भारतीय जनता पार्टी, फरवरी 2005 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2010 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दिलीप चुनाव जीतते रहे.
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यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण जिले में पड़ता है और यह वाल्मिकी नगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का एक हिस्सा भी है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इस विधानसभा सीट में बदलाव किया गया और इसके तहत सिकटा सामुदायिक विकास ब्लॉक, बरवा बरौली, सोमगढ़ और नरकटियागंज सामुदायिक विकास ब्लॉक के भवटा ग्राम पंचायत समेत कई क्षेत्रों को शामिल किया गया.
पिछले चुनाव के नतीजे
2020 के विधानसभा चुनाव में सिकटा सीट पर सीपीआईएमएल के वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल की उन्हें कुल 49,075 (28.85%) मत मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे निर्दलीय दिलीप वर्मा को 46773 (27.5%) वोट मिले। इस चुनाव में जदयू प्रत्याशी फ़िरोज़ अहमद तिसरीनंबर पर रहे. अगर कुल वोटिंग की बात करें तो इस सीट पर 62.03 % वोटिंग हुई.
सिकटा विधानसभा सीट पर 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने जीत हासिल की थी. इस सीट पर भी मुकाबला रोमांचक रहा. खुर्शीद ने भारतीय जनता पार्टी के दिलीप वर्मा को एक कांटेदार मुकाबले में महज 2,835 मतों के अंतर से हराया था. खुर्शीद को 69,870 (43.48%) वोट मिले जबकि दिलीप वर्मा को 67,035 (41.71%) वोट हासिल हुए. इस सीट पर कुल 66.02% वोटिंग हुई थी.
2010 में हुए चुनावों पर नज़र डालें तो दिलीप वर्मा यहां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल किये उन्हें 49,229 (39.40%) वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहें जदयू के खुर्शीद उर्फ़ फिरोज अहमद को 40,450 (32.37%) वोट मिलें। 2010 में इस सीट पर कुल 62.63 प्रतिशत मतदान हुआ था.
जातीय समीकरण:
इस सीट पर यादव और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी तादाद में हैं, इसके अलावा रविदास, कोइरी और ब्राह्मण जातियां भी यहां बड़ी भूमिका में हैं. जो चुनाव परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते है.
जनसंख्या:
2011 की जनगणना के अनुसार, सिकटा विधानसभा में अनुसूचित जाति मतदाताओं की संख्या लगभग 37,689 है जो लगभग 13.73% है. अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या लगभग 9,306 है जो लगभग 3.39% है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 82,900 है जो लगभग 30.2% है। वही, ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 274,502 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 100% है
प्रमुख मुद्दे:
इस विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ और कटाव की समस्या विकराल है। नेपाल से निकली पहाड़ी नदियां तबाही मचाती हैं। यहां दर्जनों ऐसे गांव हैं जहां बरसात के दिनों में आवागमन काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.






















