Nathnagar Vidhansabha 2025: नाथनगर विधानसभा सीट (संख्या-158) बिहार की राजनीति में एक अहम और दिलचस्प क्षेत्र माना जाता है। यह सीट भागलपुर जिले में आती है और 1967 में इसके गठन के बाद से यहां के चुनावी नतीजे कई बार राज्य की राजनीति की दिशा तय करते रहे हैं। नाथनगर में अब तक 14 बार चुनाव हो चुके हैं, जिनमें जेडीयू ने 5 बार, कांग्रेस ने 3 बार और जनता दल ने 2 बार जीत दर्ज की है। सबसे ज्यादा बार जीतने वाली नेता सुधा श्रीवास्तव रही हैं, जिन्होंने 1977, 1990, 2000, 2005 और 2005 के उपचुनाव में जीत हासिल की थी।
चुनावी इतिहास
2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों में जेडीयू के अजय कुमार मंडल ने लगातार दो बार जीत दर्ज की थी। 2010 में उन्होंने आरजेडी के अबु कैसर को मात दी थी, जबकि 2015 में उन्होंने एलजेपी के अमर नाथ को हराया था। अजय मंडल की लगातार जीत से जेडीयू का आधार यहां मजबूत हुआ, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके सांसद बनने के बाद जब उपचुनाव हुआ तो जेडीयू के लक्ष्मीकांत मंडल ने राजद की राबिया खातून को 4963 मतों से शिकस्त दी।
Bhagalpur Vidhansabha 2025: कांग्रेस का किला या बीजेपी की वापसी?
हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव में समीकरण पूरी तरह बदल गए। इस बार आरजेडी के अली अशरफ सिद्दीकी ने मैदान मारा और जेडीयू उम्मीदवार लक्ष्मीकांत मंडल को 7756 वोटों से हराकर सीट अपने नाम कर ली। अली अशरफ सिद्दीकी को 78,832 वोट मिले, जबकि जेडीयू प्रत्याशी को 71,076 वोट मिले। यह जीत साफ तौर पर मुस्लिम-यादव समीकरण और महागठबंधन की रणनीति का नतीजा रही।
जातीय समीकरण
नाथनगर विधानसभा का जातीय समीकरण भी यहां की राजनीति का आधार बनता है। मुस्लिम और यादव वोटरों की बड़ी तादाद यहां हर चुनाव में परिणाम को प्रभावित करती है। इनके अलावा ब्राह्मण, कोइरी, रविदास और पासवान समुदाय के वोट भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक, नाथनगर की कुल जनसंख्या 4,66,203 है, जिसमें 86.07 प्रतिशत लोग ग्रामीण और 13.93 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में रहते हैं। अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 10.9% है जबकि एसटी की संख्या नगण्य (0.04%) है। वहीं 2019 की वोटर लिस्ट के अनुसार यहां कुल मतदाता संख्या 3,16,152 है।
इस तरह नाथनगर विधानसभा में मुकाबला हमेशा दिलचस्प रहता है। 2020 के बाद की राजनीतिक परिस्थिति में जहां आरजेडी अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करेगी, वहीं जेडीयू अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए रणनीति बनाएगी। नाथनगर सीट का चुनाव नतीजा न केवल भागलपुर बल्कि पूरे अंग क्षेत्र की राजनीति पर असर डालता है।






















