Masaurhi Vidhansabha 2025: मसौढ़ी विधानसभा, जो बिहार के पटना जिले में स्थित है, राजनीति के लिहाज से हमेशा ही संवेदनशील रही है। 1952 में अस्तित्व में आई इस विधानसभा सीट ने कई बार अपनी जातीय और राजनीतिक पहचान के कारण सुर्खियाँ बटोरी हैं। 1957 में यह आरक्षित सीट (SC) घोषित की गई थी, लेकिन बाद में सामान्य सीट बना दी गई और 2010 तक सामान्य सीट के रूप में ही रही। इसके बाद इसे फिर से SC आरक्षित सीट के रूप में दर्ज किया गया। पिछले 25 साल के इतिहास पर नजर डालें तो मसौढ़ी में केवल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) की ही जीत रही है।
चुनावी इतिहास
इस विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास काफी दिलचस्प है। 1952 से 1967 तक चुनावों में दो-दो विधायक प्रतिनिधित्व करते थे और कांग्रेस पार्टी ने चार बार इस सीट पर जीत दर्ज की। वहीं जनता दल यूनाइटेड ने तीन बार अपनी जीत पक्की की। राजनीति में सक्रिय पूनम यादव ने अक्टूबर 2005 में JDU के टिकट पर तीसरी बार इस सीट पर जीत हासिल की थी। इससे पहले वह 1985 में कांग्रेस के टिकट पर और फरवरी 2005 में JDU के साथ विजयी रही थीं।
Phulwari Vidhan Sabha 2025: RJD का परंपरागत गढ़ अब माले और JDU की जंग का केंद्र
मसौढ़ी विधानसभा पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और यहां पर हमेशा ही राजद का दबदबा रहा है। 2015 में RJD की रेखा देवी ने यहां जीत हासिल की थी। उन्होंने 89,657 वोट प्राप्त कर HAMS की नूतन पासवान को पराजित किया था, जिन्हें 50,471 वोट मिले थे। उस समय भाजपा के नेतृत्व में लोकजनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी के गठबंधन का मुकाबला जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के गठबंधन से हुआ था।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी मसौढ़ी ने राजद का ही हाथ मजबूत किया। रेखा देवी ने JDU के नूतन पासवान को 32,227 वोटों के अंतर से हराया। कुल मिलाकर रेखा देवी को 98,696 वोट प्राप्त हुए, जबकि नूतन पासवान को 66,469 वोट ही मिले।
जातीय समीकरण
इस सीट पर यादव और दलित समुदाय का विशेष प्रभाव है। यादव वोटरों की संख्या अधिक होने के कारण हर राजनीतिक दल इस समुदाय की प्राथमिकताओं के अनुसार अपने उम्मीदवार का चयन करता है। वर्तमान में मसौढ़ी में लगभग 3 लाख वोटर हैं, जिनमें 1.61 लाख पुरुष और लगभग 1.40 लाख महिला वोटर शामिल हैं। आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में भी यादव और दलित वोटरों की भूमिका निर्णायक साबित हो सकती है।






















