बिहार में जहरीरी शराब पीने से मौत पर पूर्व सांसद एवं जाप संरक्षक पप्पू यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि सूबे में जहरीली शराब से 30 लोगों की मौत हुई है। इसमें भागलपुर और बांका में सबसे अधिक जान गई है। हम यह बात बार-बार कहते हैं कि भी अंतिम मौत होगी या नहीं? होम्योपैथिक की दुकान या किसी गरीब का घर किस तरह से शराब बनाई जा रही है। लागत 100 रुपए और बेचता है 2500 रुपए में।
होली में शराब बेचने वाला आदमी दो दिनों में कमाया 40 लाख
पप्पू यादव ने कहा कि शराब बेचने वाला एक आदमी होली में 40 लाख रुपए कमा लिया। सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए कि जो शराब बना और बेच रहे हैं, उन पर 302 का मुकदमा और स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा, दूसरा जहरीली शराब बेचने वाले कोई भी हो 302 का मुकदमा एक्ट सरकार को लाना चाहिए। मधेपुरा के मुरलीगंज में 19 लोग जहरीली शराब से बीमार पड़कर अस्पताल में भर्ती हुए थे। इनमें से 3 लोगों की मौत हो गई। दो लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। भागलपुर में 19 लोगों की मौत हो गई। कहा कि बिहार में अगर शराब ही एक मुद्दा है तो यह अंतिम तिथि तय करें कि बिहार में शराब नहीं मिलेगीया एक भी आदमी शराब पीने वाले नहीं मिलेंगे और आप जेल नहीं भेजेंगे। कहा कि थानेदार पैसे की लेन-देन करके शराब बेचने और पीने वाले को छोड़ते हैं। शराब से मरने वालों में 90 प्रतिशत दलित और गरीब क्यों होता है? अन्य लोग नेता, पत्रकार, पदाधिकारी, जज सभी शराब पीते हैं, फिर ये लोग जेल क्यों नहीं जाते हैं? कमजोर तबके के साढ़े छह लाख लोगों को जेल में बंद कर दिया। मैं चाहता हूं सरकार इनको जेल से बाहर करे।