बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के बाद सियासी हलचलें तेज हो गई हैं. अब पूरे राज्य की निगाहें NDA और महागठबंधन की सीट शेयरिंग पर टिकी हैं. दोनों गठबंधनों में लगातार बैठकों का दौर जारी है, डिप्टी सीएम पद को लेकर मुकेश सहनी के अड़ियल रुख ने समीकरण बिगाड़ दिए हैं. उधर, NDA में चिराग पासवान की मांगों से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
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सूत्रों के अनुसार, भाजपा 20 से 22 सीट तक देने को तैयार है, जबकि चिराग 35 सीटों पर अड़े हुए हैं. चिराग की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) न सिर्फ सीटों की संख्या बढ़ाना चाहती है, बल्कि केंद्र या राज्य के उच्च सदन में एक सीट और एक महत्वपूर्ण मंत्रालय की भी मांग कर रही है.
NDA के भीतर चिराग की चार प्रमुख मांगें
- 2024 लोकसभा में जीती गई 5 सीटों के प्रदर्शन के अनुरूप विधानसभा में सम्मानजनक हिस्सेदारी.
- 2020 विधानसभा चुनाव में मिले वोट प्रतिशत को सीट बंटवारे का आधार बनाना.
- LJP(R) की जीती हुई हर लोकसभा सीट के तहत कम से कम दो विधानसभा सीटें मिलें.
- गोविंदगंज सहित कुछ सीटों पर LJP(R) नेताओं के लिए दावा सुनिश्चित किया जाए।
सूत्र बताते हैं कि सहनी ने पिछले तीन महीनों में 27 बार खुद को डिप्टी सीएम बनाए जाने की बात दोहराई है. कांग्रेस और राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी इसके विरोध में हैं.






















