बिहार (14 अक्टूबर 2025): बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए एनडीए ने 12 अक्टूबर को सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया। कुल 243 सीटों में बीजेपी और जेडीयू को बराबर 101-101 सीटें मिली हैं, जबकि चिराग पासवान की एलजेपी (आरवी) को 29, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम और जीतन राम मांझी की एचएएम को 6-6 सीटें आवंटित की गईं। यह फॉर्मूला एनडीए की एकजुटता का संदेश देने का प्रयास है, लेकिन जेडीयू के अंदर असंतोष की लहर दौड़ गई है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बंटवारे से खुश नहीं हैं, क्योंकि इससे उनकी पार्टी का ‘बड़े भाई’ का दर्जा खत्म हो गया है।
पटना में जेडीयू नेता गोपाल मंडल का नीतीश कुमार के आवास के बाहर प्रदर्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश कुमार इस बंटवारे से असंतुष्ट हैं, क्योंकि इससे जेडीयू की पारंपरिक ताकत कम हो गई। 2020 में जेडीयू ने 115 सीटें लड़ीं, लेकिन अब बराबरी से पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा है। कुछ सूत्रों का कहना है कि नीतीश चिराग पासवान को गठबंधन से बाहर करना चाहते थे, क्योंकि एलजेपी ने 2020 में जेडीयू के वोट काटे थे। हालांकि, जेडीयू प्रवक्ता संजय झा ने इसे खारिज करते हुए कहा, “सभी सहयोगी खुश हैं, नीतीश फिर से सीएम बनेंगे।
विवादों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रत्नेश सदा को पार्टी का सिंबल भी दे दिया।वे आज मंगलवार को नामांकन दाखिल करेंगे। सोनबरसा के साथ साथ राजगीर सीट पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी जताई है।






















