बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नामांकन की घड़ी नजदीक आते ही सियासी ड्रामा चरम पर पहुंच गया है। महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट-वीआईपी) में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध गहराता जा रहा है, वहीं एनडीए (बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी) ने अपनी 101-101 सीटों की फॉर्मूला फाइनल कर ली है। इसी बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने महागठबंधन पर जोरदार प्रहार किया है। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीके ने कहा, “ये सीट शेयरिंग का झगड़ा नहीं, बिहार को लूटने का हिस्सा तलाशने की होड़ है। NDA हो या महागठबंधन, हर कोई सोच रहा है कि जितनी ज्यादा सीटें मिलेंगी, उतना ज्यादा लूट का मौका मिलेगा।”
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पीके का यह बयान महागठबंधन की आंतरिक कलह के बीच आया है, जहां कांग्रेस 60 सीटें मांग रही है, लेकिन आरजेडी 40 पर अड़ी हुई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मुकेश साहनी 30 सीटें और डिप्टी सीएम पद पर अड़े हैं, जबकि लेफ्ट और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी अपनी मांगें मनवाने को बेताब हैं। पीके ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, “महागठबंधन वाले पहले तो तय कर लें कि वे गठबंधन में हैं या बाहर। मुकेश साहनी की पार्टी को एक भी टिकट नहीं मिला, फिर भी डिप्टी सीएम बनने की जिद। कुछ सीटों पर डबल सिंबल बांट दिए गए, जैसे बछवाड़ा में कांग्रेस और लेफ्ट दोनों ने उम्मीदवार उतारे—क्या वहां फ्रेंडली फाइट होगी?”
पीके ने खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है, लेकिन जन सुराज का लक्ष्य 150 सीटें जीतना है। “अगर 150 से कम मिलीं तो इसे मेरी हार मानूंगा,” उन्होंने कहा। पार्टी ने अब तक 100+ उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, जिसमें तेजस्वी के गढ़ राघोपुर से भी उम्मीदवार उतारा गया है।






















