बिहार की राजनीति इन दिनों विधानसभा चुनावों की तैयारी से सराबोर है, और इसी दौर में कांग्रेस के युवा नेता कन्हैया कुमार ने मौजूदा एनडीए सरकार पर जोरदार हमला बोला है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राज्य की सत्ता को “धनपशुओं की सरकार” करार देते हुए कहा कि बिहार को अब एक ईमानदार, जनहितैषी और पारदर्शी प्रशासन की सख्त जरूरत है। कन्हैया का यह बयान चुनावी माहौल को और गर्म करने वाला साबित हो रहा है, जहां विपक्षी दल केंद्र और राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार व संसाधनों के दोहन के आरोप लगा रहे हैं।
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कांग्रेस नेता ने अपनी प्रेस वार्ता में कहा, “यह सरकार वोट चोरी से बनी है, जमीन चोर है, मुनाफाखोर है और बचत चोर भी। बिहार के संसाधनों को नरेंद्र मोदी के दोस्त अडानी जैसे धनपशुओं को सौंप दिया गया है।” उन्होंने विशेष रूप से बिजली ठेकों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि अडानी को अन्य राज्यों में 3-3.5 रुपये प्रति यूनिट का फिक्स रेट मिलता है, लेकिन बिहार में यह 6 रुपये से अधिक पर ठीक हो गया। “यह लूट का सरेआम नंगा नाच है। बिहार का पानी, जमीन और ऊर्जा सब बेच दिया जा रहा है, जबकि जनता भुखमरी और बेरोजगारी से जूझ रही है।” कन्हैया ने जोर देकर कहा कि राज्य में “धनपशुओं की सरकार” चल रही है, जो अमीरों के हितों की रक्षा करती है, न कि गरीबों की।
कन्हैया ने कहा, “हम जनता की तरफ से जवाब मांग रहे हैं। 20 सालों में क्या दिया, क्या छीना और किसे फायदा पहुंचाया? यह जनता का अधिकार है।” उन्होंने केंद्र के विशेष पैकेजों का हवाला देते हुए कहा कि ये घोषणाएं केवल कागजों पर हैं, जमीन पर कुछ नहीं हुआ।






















