राजधानी दिल्ली में इस बार छठ महापर्व को अभूतपूर्व भव्यता के साथ मनाने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान किया कि यमुना नदी के किनारों पर छठ पूजा पर लगे वर्षों पुराने प्रतिबंध को हटा दिया गया है। इसके साथ ही, नदी के किनारे 17 मॉडल छठ घाट विकसित किए जा रहे हैं, जहां श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधा उपलब्ध होगी। यह घोषणा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आए प्रवासियों के लिए विशेष खुशी का विषय बनी हुई है, जो हर साल इस पर्व को बड़े उत्साह से मनाते हैं।
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मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “पिछले वर्षों में यमुना के घाटों पर छठ पूजा को प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन हमारी सरकार ने इस बाधा को दूर कर दिया है। हम चाहते हैं कि छठ पूजा दिल्ली में दीवाली जितनी ही भव्यता से मनाई जाए।” उन्होंने बताया कि पूरे शहर में 1,000 से अधिक स्थानों पर पूजा का आयोजन होगा, जिसमें 23 प्राकृतिक घाट यमुना के किनारे और करीब 1,300 कृत्रिम घाट शामिल हैं। इसके अलावा, जनता की मांग पर 200 और स्थलों की पहचान की गई है।
यमुना के किनारे पल्ला से कालिंदी कुंज तक फैले 17 मॉडल घाटों पर टेंट, लाइटिंग, शौचालय, स्वच्छता, पेयजल और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की जा रही है। हर जिले और उप-जिले में कम से कम एक मॉडल घाट बनेगा।






















