बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस बार सियासत का केंद्र बना है मुजफ्फरपुर, जहां आने वाले तीन दिनों तक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं की ताबड़तोड़ जनसभाएं होने वाली हैं। इस सिलसिले की शुरुआत आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हो रही है, जबकि 29 अक्टूबर को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक मंच पर जनता को संबोधित करेंगे। इसके अगले दिन यानी 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा होगी। ऐसे में मुजफ्फरपुर अब बिहार की सियासत का सबसे हॉटस्पॉट बन गया है।
लंबे अंतराल के बाद राहुल गांधी का बिहार दौरा राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। कांग्रेस और राजद के बीच नई राजनीतिक समझदारी की झलक इस साझा रैली में देखने को मिलेगी। राहुल गांधी 29 अक्टूबर को सकरा विधानसभा क्षेत्र के मझोलिया मैदान में जनसभा करेंगे, जहां उनके साथ तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी के भी शामिल होने की संभावना है। महागठबंधन की यह रैली 2025 के चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन होगी, जिसका संदेश पूरे राज्य में जाएगा। मंगलवार को तेजस्वी यादव छपरा जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। उसके बाद 29 अक्टूबर को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मिलकर औपचारिक प्रचार अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं।
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दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 अक्टूबर को मोतीपुर चीनी मिल मैदान, बरुराज विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित रैली को एनडीए के लिए चुनावी शंखनाद माना जा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मुजफ्फरपुर पहुंच रहे हैं, जहां वे पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में सभाएं करेंगे। इस तरह एक ही जिले में तीन दिनों में तीन बड़े चेहरे — नीतीश, राहुल-तेजस्वी और मोदी — जनता से सीधा संवाद करेंगे।
उधर, महागठबंधन की ओर से घोषणापत्र (Manifesto) जारी करने की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, आज शाम पटना में इसे आधिकारिक रूप से जारी किया जाएगा। इसमें तेजस्वी यादव का 10 लाख स्थायी सरकारी नौकरियां देने का वादा फिर से मुख्य एजेंडा रहेगा, जिसे महागठबंधन जनता के बीच रोजगार और अवसर के प्रतीक के रूप में पेश करेगा।






















