बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की पांच सीटों पर मिली ऐतिहासिक सफलता के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे सिर्फ राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि सीमांचल के लोगों की जागरूकता और आत्मविश्वास की बड़ी मिसाल बताया। जोकीहाट और अमौर में आयोजित जनसभाओं में उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह जीत सीमांचल की आवाज़ को नई दिशा देने वाली है और AIMIM इस भरोसे को कभी टूटने नहीं देगी।
ओवैसी ने कहा कि सीमांचल के लोगों ने AIMIM को जिस सम्मान के साथ मौका दिया है, वह केवल चुनावी जनादेश नहीं बल्कि ‘अल्लाह की नेमत’ है। उन्होंने कहा कि यह फैसला पूरे देश के लिए एक संदेश है कि अब पिछड़े और वंचित तबकों की आवाज़ को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने दावा किया कि यह संदेश अब उत्तर प्रदेश तक जाएगा और वहां भी गरीबों व हाशिये पर रहने वाले समुदायों की लड़ाई को नई ताकत मिलेगी।
अपने संबोधन के दौरान ओवैसी ने सीमांचल की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि AIMIM को मिले वोट केवल पार्टी को नहीं बल्कि इस सोच को मिले हैं कि “जो हमारे मुद्दे उठाएगा, वही हमारा नेता होगा।” उन्होंने भरोसा जताया कि AIMIM के सभी पांच नवनिर्वाचित विधायक बिहार विधानसभा में सीमांचल के हक और अधिकारों की लड़ाई को मजबूती से उठाएंगे।
ओवैसी ने अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि वे इंसान हैं, उनसे भी गलतियां हुई होंगी, लेकिन वे विश्वासघात नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि AIMIM उन कमियों को दूर करेगी जिन्हें जनता ने महसूस किया है और आने वाले समय में और मजबूत होकर सीमांचल की लड़ाई लड़ेगी।
बिहार चुनाव में काउंटिंग एजेंट बने थे दीपक प्रकाश.. निर्दलीय प्रत्याशी की हो गई थी जमानत जब्त !
जनसभा में उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि वे छह महीने में एक बार सीमांचल का दौरा करेंगे। इसके अलावा सभी पांच AIMIM विधायक के लिए अलग-अलग पार्टी कार्यालय भी खोले जाएंगे, जहां सप्ताह में दो दिन जनता से सीधे मुलाकात होगी। यह कदम AIMIM को सीमांचल में और मजबूत कर सकता है।
अमौर में आयोजित सभा में ओवैसी ने नयी बनी नीतीश कुमार सरकार को बधाई देते हुए समर्थन का संकेत भी दिया। उन्होंने कहा कि AIMIM बिहार सरकार का साथ देने के लिए तैयार है, लेकिन यह समर्थन सीमांचल के विकास और न्याय पर आधारित होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कब तक विकास केवल पटना और राजगीर तक सीमित रहेगा, और यह भी स्पष्ट किया कि अब समय आ गया है कि सीमांचल को बराबरी के अधिकार मिलें।
अपने निशाने पर उन्होंने विपक्ष को भी लिया और इशारों में कहा कि कुछ दल जिन्हें AIMIM ने चुनाव के दौरान समर्थन का हाथ बढ़ाया था, वे अब रो रहे हैं। ओवैसी ने इस बात पर जोर दिया कि पटना की राजनीति ने AIMIM को कम आंकने की भूल की, जबकि सीमांचल ने साबित कर दिया कि वहां लोग अब नई राजनीति और नए विकल्पों को अपनाने को तैयार हैं।
सभा के अंत में ओवैसी ने वादा किया कि वे सीमांचल के हर उस इलाके में जाएंगे जहां से AIMIM को समर्थन मिला या नहीं मिला, और जनता का शुक्रिया अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि AIMIM सीमांचल को सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र नहीं, बल्कि सेवा और संघर्ष की भूमि मानती है।






















