बनगांव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने SIR के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। ममता बनर्जी ने SIR के खिलाफ बनगांव में रैली की। ममता बनर्जी ने दावा किया कि घुसपैठ रोकना पूरी तरह केंद्र की जिम्मेदारी है, ऐसे में बंगाल सरकार पर उंगलियां उठाना राजनीति से प्रेरित कदम है। उन्होंने सवाल किया कि ट्रेन, प्लेन, एयरपोर्ट, पासपोर्ट, बॉर्डर मैनेजमेंट और कस्टम सब कुछ केंद्र के पास है, फिर राज्य सरकार को घुसपैठ का दोषी कैसे ठहराया जा सकता है? उनके बयान ने भीड़ में जोश भर दिया और चुनावी माहौल में SIR फिर सुर्खियों के केंद्र में आ गया।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी SIR को महज़ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं बल्कि लोकतंत्र पर संकट बताया है। पवन खेड़ा ने बिहार का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि SIR के माध्यम से पकड़े गए घुसपैठियों की संख्या का कोई आधिकारिक ब्यौरा क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष का नहीं बल्कि देश के हर वोटर का मुद्दा है क्योंकि इससे वोटर सूची में हेरफेर की आशंका गहराती है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया कि SIR के नाम पर “वोट चोरी” हो रही है और यह वोटर सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव का तेज़ हथियार बन गया है। उन्होंने चिंता जताई कि 20 दिनों में 7 राज्यों में 20 BLO की मौतें हुई हैं, जिनकी जांच अब तक स्पष्ट नहीं है। श्रीनेत के मुताबिक कई जगह बिना फॉर्म भरे नाम जोड़े जा रहे हैं, जबकि वैध मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं और इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा।
पटना की सड़कों पर अचानक उतरे CM नीतीश कुमार.. निरीक्षण से अधिकारियों में मचा हड़कंप
इसी कड़ी में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रक्रिया अब निष्पक्ष नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि चरखी दादरी समेत कई क्षेत्रों में लाखों फर्जी वोट पाए गए हैं, जिन पर 25 लाख से अधिक वोटों पर सवाल खड़े हुए हैं। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग उन वोटों पर एफिडेविट देकर स्थिति स्पष्ट करे। हुड्डा ने ऐलान किया कि 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में राहुल गांधी के नेतृत्व में एक विशाल रैली होगी जिसमें लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए आंदोलन तेज किया जाएगा।
कांग्रेस नेता टी.एस. सिंहदेव ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा कि यदि बंगाल की मुख्यमंत्री जैसे अनुभवी नेता सवाल उठाते हैं, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने SIR को “अनावश्यक और देश पर थोपा गया कदम” बताया और कहा कि इससे सियासी तनाव और अविश्वास बढ़ रहा है।






















