Tejas Rajdhani Train Fight: पटना से दिल्ली जा रही तेजस राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ट्रेन के भीतर मिडिल बर्थ खोलने को लेकर हुए मामूली विवाद ने अचानक हिंसक रूप ले लिया, जब एक सहयात्री ने बीमार युवती को थप्पड़ मार दिया और बीच-बचाव करने आए उसके रिश्तेदार, जो रेलवे के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं, उनकी भी बेरहमी से पिटाई कर दी गई। यह घटना पटना जंक्शन से ट्रेन के खुलते ही सामने आई, जिसने प्रीमियम ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
पीड़ित ब्रज किशोर सिंह, जो हाजीपुर स्टेशन पर कॉमर्शियल सुपरिटेंडेंट के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं, परिवार के साथ वैशाली जिले में रहते हैं। उनकी भतीजी हरियाणा के एक अस्पताल में नर्स हैं और 18 दिसंबर को ड्यूटी के लिए दिल्ली जा रही थीं। तबीयत खराब होने के कारण वे खुद चलने की स्थिति में नहीं थीं, इसलिए चाचा उन्हें पटना जंक्शन तक ट्रेन में बैठाने पहुंचे थे। बी-1 कोच में मिली मिडिल बर्थ खोलते समय नीचे की सीट पर बैठे एक 45 वर्षीय यात्री ने आपत्ति जताई और कथित तौर पर जबरन सीट गिरा दी।
आरोप है कि विरोध करने पर आरोपी ने युवती को थप्पड़ मार दिया। जब ब्रज किशोर सिंह ने हस्तक्षेप किया तो आरोपी ने उन पर मुक्कों से हमला कर दिया, जिससे उनके मुंह और सीने पर चोट आई और हाथ से खून निकलने लगा। ट्रेन में मौजूद अन्य यात्रियों के लिए यह दृश्य बेहद डरावना था, लेकिन मौके पर तत्काल प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी।
घटना के बाद पीड़ित ने रेलवे हेल्पलाइन 139 पर कॉल कर सूचना दी और रेलवे अस्पताल में इलाज कराया। उनका आरोप है कि आरपीएफ को सूचना देने के बावजूद आरोपी के खिलाफ मौके पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। हालात से परेशान होकर चाचा-भतीजी दोनों ने यात्रा स्थगित कर दी और ट्रेन से उतर गए। बाद में जीआरपी ने काफी देरी के बाद मामला दर्ज किया, जबकि आरोपी सीट छोड़कर फरार हो चुका था।
पटना जंक्शन रेल थाना प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा के अनुसार, आरोपी की पहचान की कोशिश की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी में उसका नाम रोहित कुमार बताया गया है, लेकिन उसका पता अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। यह मामला इसलिए भी गंभीर माना जा रहा है क्योंकि पीड़ित खुद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी रह चुके हैं, फिर भी उन्हें न्याय के लिए भटकना पड़ा।
इस घटना ने तेजस राजधानी जैसी हाई-प्रोफाइल ट्रेन में महिला सुरक्षा, बुजुर्ग यात्रियों की सुरक्षा और आरपीएफ की तत्परता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यात्रियों का कहना है कि अगर प्रीमियम ट्रेनों में भी ऐसे हालात हैं, तो आम ट्रेनों की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। अब देखना यह है कि पुलिस और रेलवे प्रशासन इस मामले में कितनी तेजी से कार्रवाई कर पाते हैं और क्या आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जा सकेगा।
















