[Team insider] राज्य में 1932 की खतियान लागू करने को लेकर पूरे राज्य भर में लोग आंदोलनरत हैं। राज्यभर में इसे लेकर सभाएं और धरना प्रदर्शन जारी है इन आंदोलनों के बीच जय राम महतो नामक एक नया चेहरा उभर कर सामने आया है। वहीं आज जयराम महतो राज्यपाल रमेश बैस से मिलने राजभवन पहुंचे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के जो ज्वलंत मुद्दे हैं उसे लेकर अवगत कराने आए थे, जिनमें दोहरी वोटर आईडी, 10th 12th पासआउट, बिना खतियान के जाति, आवासीय बन जाना और राज्यपाल महोदय का हस्ताक्षर के साथ पारित हुआ था कि 75% रोजगार निजी कंपनियों में स्थानीय लोगों को ही मिलेगी।
1932 सारे सारे चीज क्लियर हो चुका था
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यहां के स्थानीय कौन है क्या आधार होगा स्थानीय का कोई भी झारखंडी, कहीं से भी आए हुए लोग, रेंट पर रहने वाले लोग, जो पढ़ने के लिए आए हुए हैं, जो हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, उन लोगों का भी जाति आवासीय बन जा रहा है। वहीं 1932 के खतियान पर कहा कि 1932 इसलिए क्योंकि 1932 में झारखंडियों के हाथों में खतियान आ चुका था, जो सर्वे 1902 में स्टार्ट हुआ था जिसे क्लस्टर सर्वे बोलते हैं। 1915 होते हुए कहीं 1928 उसके बाद फाइनली 1932 सारे सारे चीज क्लियर हो चुका था। इसलिए 1932 को केंद्र बिंदु माना जाता है।
जो भी अरबपति बने हैं वह बाहरी राज्य के हैं
वहीं विधानसभा बजट के दौरान हेमंत सोरेन ने 1932 के खतियान लागू करने को लेकर कहा था कि यह पॉसिबल है ही नहीं। इस पर जयराम महतो ने कहा कि 28 राज्यों में से 18 राज्यों में खतियान आधारित नीति है तो फिर आपको नीति बनाने में क्या तकलीफ है। झारखंड में 1932 की खतियान लागू नहीं होती है तो झारखंड यो की स्थिति काफी खराब हो जाएगी। वही हाल होगा जो कभी अमेरिका में निग्रो का था, जो लोग उनकी देश, उनकी माटी लेकिन वह गुलाम थे। वही हाल केन्या के आदिवासियों का हुआ। जमीने इनकी थी आज जमीन किसी और के पास चली गई। जो भी अरबपति बने हैं वह बाहरी राज्य के हैं।
मुख्यमंत्री एक छात्र के आंदोलन से हतोत्साहित हो जा रहे हैं
विधानसभा बजट के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फुटबॉलर का जिक्र किया था जिस पर जयराम ने कहा कि मुख्यमंत्री डायरेक्ट हमला न कर इनडायरेक्ट हम पर ही हमला किया है। उन्होंने कहा कि अगर राज्य के एक मुख्यमंत्री एक छात्र के आंदोलन से हतोत्साहित हो जा रहे हैं, तो ऐसे लोग अगर राज्य चला रहे हैं तो बड़ा दुर्भाग्य की बात है। उन्हें नियमता: बात करनी चाहिए। उन्हें तो अनुशासन से बात करनी चाहिए।




















