महात्मा ज्योतिबा फुले साहब की जयंती के खास अवसर पर जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने आज फुले समता परिषद की ओर से ज्योतिबा फुले को याद कर उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किया। उन्होंने बताया कि बिहार सारकार इस दिन को अधिकारीक रूप से मानते आयी है। फुले समता परिषद के लोग फुले साहब के विचारों का प्रचार और प्रसार करने का कार्य निरंतर रूप से कर रहे है।
भारत के कॉलेजियम सिस्टम को बदलने की मांग
उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि भारत के कॉलेजियम सिस्टम को बदलने के लिए समता परिषद की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जिसे कुछ समय बाद एक अभियान के रूप में चलाया जाएगा। जहां हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों की बहाली के लिए ,उसे बदलने की मांग को लेकर पहले से समता परिषद् की ओर से कार्यक्रम चलाए जा रहे है।
जजों की बहाली को बताया गैर प्रजातांत्रिक
कुशवाहा ने कहा समता परिषद् की ओर से चल रहे कार्यक्रम बेहद जरुरी है क्योंकि जब तक यह सिस्टम रहेगा जिससे जजों की बहाली होती है। तब तक गरीबों, वंचितों ओर शोषितों को सही न्याय नहीं मिल सकेंगा क्योंकि बहाली की प्रक्रिया गैर प्रजातांत्रिक है, गैर संवैधानिक है। जिसके कारण जो लोगों की कुछ पैरवी लग जाती है केवल वहीं जज बन पाते है बाकी जो मेरिट वाले छात्र है उन्हें मौका नहीं मिलाता। हमारी केवल यहीं मांग है की अन्य बहालियों के तरह ही जजों की बहाली की प्रक्रिया के लिए खुली प्रतियोगिता रखी जाए।
उपचुनाव पर दिया जवाब
वहीं उपचुनाव को लेकर पूछे गए सवालों पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा एनडीए अपनी ठीक स्थिति में है। इसपर जब एक पत्रकार ने पूछा कि तेजस्वी यादव का कहना है चार दिन रुकिए चुनाव के नतीजे सब बता देंगे, इसपर उपेंद्र ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने तो तारापुर उपचुनाव में भी यही कहा था लेकिन जब परिणाम आए तो सब साफ हो गया।
जनबल से ज्यादा धनबल पर काम
वहीं जब पत्रकारों ने पूछा कि एमएलसी चुनाव में जदयू का इतना खराब प्रदर्शन क्यों रहा? इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने जवाब देते हुए कहा कि खराब प्रदर्शन नहीं रहा लेकिन अपेक्षा अनुकूल नहीं रहा। साथ ही उन्होंने कहा कि एक बड़ा कारण यह है की यह चुनाव बाकी चुनावों से थोड़ा अलग है। इसमें मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए में जनबल से ज्यादा धनबल पर काम किया गया है शायद इसलिए यह स्थिति हुई है। हम इसपर समीक्षा कर रहे है।
नीतीश ही रहेंगे बिहार के सीएम
हालांकि जब एनडीए में भीतर घात पर सवाल उठे तब उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि अफवाहों से बचने कि जरुरत है, हमारे गठबंधन में सब ठीक है । साथ ही उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन की पहली शर्त नीतीश कुमार का लीडरशिप होना है इसलिए जब तक एनडीए रहेगी तब तक नीतीश ही बिहार के सीएम थे, हैं और रहेंगे।