[Team insider] झारखण्ड में कृषि टैक्स को समाप्त करने में सरकार द्वारा अब तक संज्ञान नहीं लेने, होल्डिंग टैक्स में हालिया बढोत्तरी के निर्णय के साथ ही राज्य में जारी पावकरट से हो रही समस्या पर आज फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के नेतृत्व में रांची चैंबर ऑफ कॉमर्स, जेसिया और बिल्डर्स एसोसियेशन ऑफ इण्डिया द्वारा संयुक्त रूप से चैंबर भवन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। व्यापारियों के राज्यस्तरीय आंदोलन के बाद भी राज्य सरकार द्वारा अब तक कृषि टैक्स की समाप्ति के लिए संज्ञान नहीं लेने पर चैंबर महासचिव राहुल मारू ने आपत्ति जताई और कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार असंवेदनशील हो गई है।
अफसर बात न करने के बहाने ढूंढते हैं
मौजूदा हालात में झारखण्ड सरकार के अधिकारियों की चाल से ऐसा नहीं लगता कि उन्हें उद्योग या व्यापार की समस्याओं से कोई सरोकार है और सरकार का उनपर कोई नियंत्रण है। राज्य में बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल लाने के लिए हमने अनेकों बार संबंधित अधिकारियों और मंत्रियों को संवैधानिक तरीके से ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया पर नतीजा शून्य रहा। अफसर बात न करने के बहाने ढूंढते हैं और मंत्री के पास बात करने के लिए समय नहीं है।
यथाशीघ्र बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल लाने की पहल करनी चाहिए
वास्तविकता है कि पूर्व में बिल्डिंग बाई लॉज प्रभावी नहीं था, ऐसे में वर्षो पूर्व निर्मित भवनों को अचानक अवैध घोषित कर देना व्यवहारिक नहीं है। यदि कुछ अतिरिक्त निर्माण हुए हैं, तो इसे उचित शुल्क और पेनाल्टी लेकर नियमितीकरण करना चाहिए। सरकार को अब अधिक विलंब नहीं करते हुए अन्य राज्यों की तर्ज पर झारखण्ड में यथाशीघ्र बिल्डिंग रेगुलराइजेशन बिल लाने की पहल करनी चाहिए। यदि सरकार चाहे, तब हम हमारे द्वारा बनाये गये ड्राफ्ट पर सरकार के साथ वार्ता के लिए ईच्छुक हैं।