[Team insider] झारखंड में झारखण्ड उत्पाद नियमावली 2022 और झारखण्ड मदिरा का भंडारण एवं थोक बिक्री नियमावली 2022 लागू हो गई है। इसके तहत क्यूआर कोड के बगैर शराब की बिक्री नहीं होगी। शराब की हर बोतल पर क्यूआर कोड लगा होगा। इसके पीछे सरकार की योजना है कि हर बोतल की बिक्री को ट्रैक किया जा सके। ताकि बिक्री में टैक्स की चोरी पर पूरी तरीके से विराम लगाया जा सके।
राज्य के सभी मंडलों में 1-1 गोदाम
झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से शराब बिक्री शुरू हो गयी है। इसके लिए राज्य के सभी मंडलों में 1-1 गोदाम खोलना है। फिलहाल 2 गोदाम खोले गए हैं। जिसके माध्यम से राज्य के सभी जिलों में शराब की आपूर्ति शुरू हुई है। हालांकि अभी नई नीति के तहत सभी दुकानें पूरी तरह से संचालित नहीं हो पाई। लेकिन नई उत्पाद नीति को लेकर राजनीति जरूर शुरू हो गई है। विपक्ष की भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि खास कम्पनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। टेंडर सेटिंग का आरोप भी लगाया है।
शराब की बिक्री से लगभग 1800 करोड़ राजस्व की प्राप्ति
राज्य में भी शराब की बिक्री से लगभग 1800 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होती है। सरकार की योजना है कि राजस्व को 3000 करोड़ के स्तर पर पहुंचाया जाए। वहीं नई नीति लागू होने के साथ महज चार दिनों में सरकार को 19.02 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। ऐसे में सत्ताधारी दल कांग्रेस का कहना है कि भाजपा को सिर्फ अपनी बनाई नीति सही लगती है। इसलिए उन्हें गठबंधन सरकार द्वारा नई उत्पाद नीति नहीं पच रही है।जबकि सरकार राजस्व बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।
नकली शराब की बिक्री पर भी लगेगा लगाम
बहरहाल झारखंड सरकार ने शराब के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के साथ ही नकली शराब की बिक्री पर भी लगाम लगाने के लिए नई उत्पाद नीति लागू की है। लेकिन विपक्ष की भाजपा ने इस नीति को शराब बिक्री के बहाने चारों ओर लूट की योजना करार दिया है।