राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने मंत्री जीवेश मिश्रा के बयान का जवाब देते हुए कहा कि 90 के दशक में गुंडे लोग सरकार में आए, लोकसभा गए, विधानसभा गए। इनका कहना है कि सिद्दकी जी गुंडे है, रघुवंश प्रसाद गुंडा थे। वहीं अफ़सोस की बात यह है कि सीएम नीतीश भी उसी दौर में लोकसभा गए थे। इस ही दौर में बीजेपी अध्यक्ष के पिता भी राजद में आए तो क्या वह भी गुंडे बन गए थे।
सीएम से दिखाई नाराजगी
जगदानंद सिंह ने नीतीश के राजनीति में शुरुआत को लेकर कहा कि सभी गुंडे, अपहरणकर्ता जैसे लोगों के साथ ही मिलकर नीतीश कुमार ने अपनी राजनीतिक संसार में कदम रखा। लालू जी के शासन में कोई ऐसा लोग नहीं थे। अगर हो तो तस्वीर दिखाए। शहाबुद्दीन तो 90 के पहले भी निर्दलीय विधायक बन गए थे। उन्हें जनता ने चुना था। यह लोग 90 के दौर के नेताओं को गुंडा कह रहे है। जबकि हमारे ही कई नेताओं को अपने पार्टी में शामिल कर लिया। अगर हमारे यहाँ सभी गुंडा थे तो आप उन्हें अपने दल का मंत्री क्यों बनाया।
लालू के शासनकाल को बताया अद्भुत
बता दें कि जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद पार्टी 90 के दशक में एक अद्भुत सरकार के रूप में खड़ी थी। जिसमें राजद सुप्रीमो लालू यादव ने सदियों से पिछले वर्ग और अछूत जाति समझे जाने वाले लोगों को लालू यादव ने मंत्री बनाया। साथ ही जीवेश मिश्रा पर तंज कसते हुए कहा कि जीवेश मिश्रा ने पैसे के बल पर मंत्री पद हासिल किया था और अब लालू यादव के पाप जोड़ रहे है। साथ ही कहा कि लालू यादव की पूजा मानवता है। लालू धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करते बल्कि उस की आस्था रखते थे।
तेजस्वी समाज को जोड़ने का कर रहे काम
एनडीए पर हमला करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की इन लोगों ने भूरा बाल साफ़ करने वाले नारे को राज्य में गलत तरीके से फैलाया है। लोगों तक गलत संदेश पहुंचाया है। साथ ही तेजस्वी ने जिस तरह से सभी धर्म और जाति के नेताओं को एकजुट किया है। उसे देख भाजपा डर गई है। तेजस्वी बिहार का नया नेता बन समाज को जोड़ने का काम कर रहे है।