बच्चों के आधार कार्ड में कोई भी तरह की गड़बड़ी हो तो आधार केंद्र पर जाकर सुधरवा सकते हैं एक साल के लिए यह पूरी तरह है निशुल्क किया गया है। UIDAI ने 7 से 15 साल के बच्चों के लिए यह सुविधा लागू की है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू-1) के सभी शुल्क माफ कर दिए हैं।
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जिससे करीब 6 करोड़ बच्चों को इसका लाभ मिलेगा। 1 अक्टूबर 2025 से यह व्यवस्था लागू हो चुकी है जो सालभर रहेगी। मंत्रालय ने बताया कि आधार में निःशुल्क बायोमेट्रिक अपडेट से बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजनाओं तक पहुंच आसान होगी।
5 साल से कम उम्र के बच्चों का आधार बनाने के लिए उसका फोटो, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और जन्म प्रमाण पत्र देना होता है। लेकिन उनके उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते, क्योंकि वे उस आयु तक मैच्योर नहीं होते है। वही 15 साल उम्र होने पर भी बच्चे को एक बार फिर से बायोमेट्रिक्स अपडेट कराना जरूरी होता है, जिसे दूसरा एमबीयू कहा जाता है। पहला एमबीयू 5-7 साल उम्र होने पर कराया जाता है। जबकि दूसरा एमबीयू 15-17 वर्ष की आयु के बीच के बच्चों का कराया जाता है.






















