चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि कल उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूरे देश को पता चल गया है कि चुनाव आयोग ने वोट चोरी की है और घपला घोटाला किया है। इसी को छिपाने के लिए झूठे बेबुनियाद और तथ्यहीन बाते उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही है। उनसे जो सवाल किए गए थे उसका जवाब नहीं दिया गया। SIR में जितनी शिकायतें आई चुनाव आयोग ने उस पर कोई कार्रवाई की?
उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली चुनाव के समय लिख कर दिया कि कार्रवाई करें लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। अब आप झूठे बहाने कर रहे हैं। बोल रहे हैं कि CCTV वीडियो इसलिए नहीं दे सकते कि उससे निजता का हनन होगा। वोटिंग वाले दिन TV पर महिलाओं के वीडियो, इंटरव्यू चलाए जाते हैं, तो उससे निजता का हनन हो गया? चुनावी प्रक्रिया में शामिल होना एक मतदाता के लिए गर्व की बात होती है। उसके दिखाने में कौनसी निजता भंग हो रही है?
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राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कहा कि यह लोकतंत्र है और देश संविधान से चलेगा. लोकतंत्र में अगर मुख्य चुनाव आयुक्त लोकसभा में विपक्ष के नेता को इस तरह चुनौती देते हैं और भाजपा की भाषा बोलते हैं, तो जनता भी इस गोदी आयोग को करारा जवाब देने के लिए तैयार है। चुनाव आयोग भाजपा आयोग बनकर राजनीति कर रहा है। वे अनुराग ठाकुर पर कुछ क्यों नहीं कर रहे हैं। चुनाव आयोग बेनकाब हो गया है।
राष्ट्रीय जनता दल के अनुसूचित जाति और जनजाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा है कि चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी मिलकर दलितों के वोट पर प्रहार कर रही है। उससे पासपोर्ट और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जबकि गरीबों के पास मनरेगा कार्ड, जॉब कार्ड,आधार कार्ड, वोटर कार्ड होते है। यह एक साजिश है कि गरीबों के पास जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज नहीं होते हैं। उसके पास मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड, जॉब कार्ड, आधार कार्ड होता है, लेकिन गरीबों के पास रहने वाले डॉक्यूमेंट को चुनाव आयोग मानने को तैयार नहीं है।
यह साजिश इसलिए की जा रही है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के वोट के साथ खिलवाड़ किया जा सके। जो सक्षम वर्ग हैं, उनके पास तो दस्तावेज हैं, लेकिन जो भूमिहीन गरीब है, वह अपना खतियान कहां से लाकर देंगे। चुनाव से पहले जो वोट चोरी का खेल शुरू हुआ है। जनता इसे समझ गई है। जिसका खामियाजा सत्ता में बैठे लोगों को भुगतना पड़ेगा। इससे साफ जाहिर है कि भारतीय जनता पार्टी तेजस्वी जी के लोकप्रियता से घबराकर ऐसा काम कर रही है।






















