Mahagathbandhan: पटना में आज का सियासी माहौल अचानक गरमा गया जब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान अपने समर्थकों के साथ लालू प्रसाद यादव के आवास पर पहुंच गए। उनका मकसद था महागठबंधन में शामिल होने की औपचारिक मांग रखना और इसके लिए पत्र सौंपना। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से वहां मौजूद किसी भी प्रतिनिधि ने उनका पत्र स्वीकार नहीं किया।

अख्तरुल ईमान का कहना है कि AIMIM पूरी मजबूती के साथ चाहता है कि महागठबंधन में उसे भी शामिल किया जाए। उनका तर्क है कि अगर सेकुलर वोट बिखरते हैं तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा कि AIMIM का इरादा साफ है – “सभी दल मिलकर लड़े ताकि भाजपा को चुनौती दी जा सके।” लेकिन RJD और महागठबंधन के अन्य दलों की चुप्पी इस मुद्दे को और पेचीदा बना रही है।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विपरीत है कि उनका पत्र तक नहीं लिया गया। सवाल यह उठता है कि क्या महागठबंधन AIMIM को अपने साथ जोड़ने के लिए तैयार नहीं है, या फिर इसके पीछे कोई रणनीतिक चुप्पी है। फिलहाल AIMIM समर्थक मानते हैं कि उनकी अनदेखी सेकुलर राजनीति को नुकसान पहुंचा सकती है।






















