बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में रविवार को सारण जिले की छपरा विधानसभा सीट राजनीतिक सुर्खियों में रही, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने INDIA गठबंधन के प्रत्याशी और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस सभा ने न सिर्फ क्षेत्रीय राजनीति को गरमा दिया बल्कि भाजपा के विकास और रोजगार मॉडल पर भी तीखा प्रहार किया।

अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत जनता के उत्साह को संबोधित करते हुए कहा कि “रोजगार कभी भाजपा का एजेंडा नहीं रहा, यही वजह है कि बिहार से पलायन जारी है।” उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हर घर में सरकारी नौकरी क्यों नहीं दी जा सकती? अखिलेश ने भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि “छपरा की जनता ने मन बना लिया है, इस बार वोट छप्पर फाड़कर पड़ेगा और खेसारी भाई की जीत पक्की है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “जब खेसारी जीतेंगे तो हम सब मिलकर जीत का गाना गाएंगे।”
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इस सभा में अखिलेश यादव ने बिहार की जनता की भावनाओं को गहराई से छुआ। उन्होंने रोजगार, शिक्षा और युवाओं के भविष्य की बात करते हुए सीधे तौर पर बीजेपी पर निशाना साधा। उनके बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि आगामी चुनाव में विपक्ष की रणनीति ‘रोजगार बनाम धर्म की राजनीति’ के इर्द-गिर्द घूमने वाली है।

वहीं, राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव ने भी मंच से बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि “NDA के लोग कभी रोजगार की बात नहीं करते, हमेशा हिंदुत्व, मंदिर-मस्जिद और पाकिस्तान पर बहस करते रहते हैं।” खेसारी ने कहा कि “पिछले 20 सालों में बिहार में एक भी फैक्ट्री नहीं लगी, यहां के लोगों को मजबूरी में अपने घर से बाहर पलायन करना पड़ता है। ट्रेन तो मिल जाती है बाहर जाने के लिए, लेकिन बिहार में रोजगार नहीं।”
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खेसारी ने बेरोजगारी को नफरत फैलाने का मूल कारण बताया। उन्होंने कहा, “खाली दिमाग शैतान का होता है, अगर लोगों को काम मिलेगा तो समाज में नफरत नहीं फैलेगी।” उनका यह बयान सीधे तौर पर बीजेपी की विचारधारा पर चोट करता है और बिहार के युवाओं की आकांक्षाओं को केंद्र में रखता है।






















