जेल से रिहाई के बाद से ही आनंद मोहन लगातार सुर्ख़ियों में बने हुए हुए। एक बार फिर से वो अपने पुराने रंग में लौटते दिख रहे हैं। रिहाई के बाद बुधवार को वो पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने भी पहुंचे थे। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। ऐसा माना जा रहा है इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को महागठबंधन के पक्ष में महौल बनाने का टास्क दिया है। इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद जिस तरह आनंद मोहन बयानवीर बने हुए है उसके कई मतलब निकले जा सकते हैं।
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नीतीश ने दिया स्पेशल टास्क?
नीतीश सरकार ने जब से कानून में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया। तभी से इस बात की चर्चा तेज है कि बिहार में नई तरह के जातीय समीकरण को गढ़ने का कोशिश हो रही है। इसके पीछे का एक बड़ा कारण आनंद मोहन छवि राजपूत नेता के रूप में होना है। रिहाई के बाद से ही आनंद मोहन बिहार के अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं। वो जहां भी जा रहे राजपूतों का जमावड़ा हो रहा है। लेकिन इन सब के बीच उनके बयान बहुत कुछ बयां कर रहे हैं।
ऐसा लग रहा जैसे उन्हें राजपूत वोटरों को तो साधने का टास्क तो मिला हुआ है साथ ही इस बात का भी ध्यान रखने को कहा गया है कि मुसलमान नाराज ना हो। क्योंकि आनंद मोहन का कहना है कि हिन्दू तो कोई शब्द ही नहीं है। इसका किसी धर्मग्रंथ में कोई जिक्र ही नहीं है। आनंद मोहन कह रहे हैं कि राजपूतों और मुसलमानों के बीच बहुत पुराना और गहरा रिश्ता रहा है।
“राजपूत और मुसलमानों में गहरा संबंध”
दरअसल, आनंद मोहन रोहतास के विक्रमगंज में महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण में गये थे। वहां अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि रामायण, महाभारत, गीता जैसे धर्मग्रंथों में हिंदू शब्द का जिक्र नहीं है। इन धर्म ग्रंथों में क्षत्रिय की चर्चा है। उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी है कि कुछ लोग महाराणा प्रताप को हिंदू से जोड़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने राजपूत और मुसलमान में गहरा संबंध होने की भी बात कही। आनंद मोहन ने कहा कि आनंद मोहन ने कहा कि शुरू से ही राजपूतों औऱ मुसलमानों में मजबूत रिश्ता रहा है। महाराणा प्रताप का सेनापति हकीम खान सूरी था जबकि अकबर का सेनापति मान सिंह था। इससे ही समझिये कि उस दौर में भी राजपूतों और मुसलमानों के बीच कितना गहरा संबंध था।