बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक है, लेकिन इस बार कई इलाकों से वोट बहिष्कार की आवाज बुलंद हो गयी है. जिस वोट को जनता अपना अधिकार समझती थी आज जनता वोट डालने से इनकार करने लगी है. वजह क्षेत्र की बड़ी समस्याएं है. सारण ज़िले के सोनपुर प्रमंडल के सात गाँवों के लोगों ने बड़ा ऐलान कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर गंगा के कटाव से उन्हें मुक्ति नहीं मिली, तो इस बार वोट नहीं देंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार और नेताओं ने सालों से सिर्फ़ वादे किए हैं, लेकिन गंगा कटाव रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया
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महिलाओं ने कहा कि अगर कोई वोट मांगने आया तो झाड़ू से मारेंगे. लोगों का कहना है कि जबतक रिंग बांध बनने का क्लियर नहीं होता है और बाढ़ पीड़ितों के साथ कटाव पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिल जाता तबतक वोट का बहिष्कार करेंगे.ग्रामीणों की मांग है कि जिस तरह रेलवे ने अपने पिलरों को बचाने के लिए रिंग बांध और बोल्डर बैग लगाए हैं, उसी तरह गाँवों को भी कटाव से बचाने के लिए ठोस इंतज़ाम किए जाएँ।
सोनपुर प्रमंडल के गंगाजल, पहलेजा शाहपुर, नजरमीरा और सबलपुर के चार पंचायतों समेत सात गाँव गंगा नदी के उत्तरी तट पर बसे हैं। लगभग 60 वर्ग किलोमीटर में फैला यह इलाक़ा साढ़े तीन लाख की आबादी वाला है, जहाँ 35 हज़ार से अधिक घर और अरबों रुपये की सरकारी व निजी संपत्ति मौजूद है।ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस बार उनकी मांगों पर सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाए, तो विधानसभा चुनाव में वे वोट का बहिष्कार करेंगे।






















