रांची,: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता के सेवा विस्तार और उनके डीजीपी पद पर बने रहने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने इसे गलत करार देते हुए झारखंड सरकार को पत्र भेजकर सूचित किया है कि अनुराग गुप्ता का डीजीपी के रूप में कार्यकाल 30 अप्रैल 2025 को समाप्त हो जाएगा।
यह पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा गया है, जो वर्तमान में विदेश यात्रा पर हैं। सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति और सेवा विस्तार सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों और यूपीएससी की अनुशंसित सूची के अनुरूप नहीं था।
इस मामले में बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पहले ही अनुराग गुप्ता की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने दावा किया था कि गुप्ता यूपीएससी की सूची में शामिल नहीं थे और उनकी नियुक्ति नियमों के खिलाफ है। इसके अलावा, पिछले साल अक्टूबर में चुनाव आयोग ने भी अनुराग गुप्ता को कार्यवाहक डीजीपी के पद से हटाने का निर्देश दिया था, ताकि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें।
वरिष्ठ विधायक सरयू राय ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गृह मंत्रालय का यह कदम सही दिशा में है। उन्होंने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए रखने का निर्णय गलत था।
यह विवाद झारखंड पुलिस प्रशासन में एक बड़े बदलाव का संकेत दे सकता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राज्य सरकार इस निर्देश का पालन कैसे करती है और 30 अप्रैल के बाद नया डीजीपी कौन होगा।