पटना: आज, 31 जनवरी 2025 को पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (PAHAL) के तत्वावधान में डॉ. दिवाकर तेजस्वी क्लिनिक, नेमा पैलेस, एक्जीविशन रोड पर कैंसर से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ फिजिशियन और पहल के चिकित्सा निदेशक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कैंसर से बचाव में टीकाकरण की भूमिका पर प्रकाश डाला।
कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी
डॉ. तेजस्वी ने बताया कि कैंसर वैश्विक स्तर पर एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हर साल लाखों लोग कैंसर की चपेट में आते हैं, जिनमें से कई मामलों को टीकाकरण के माध्यम से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि एचपीवी (HPV) और हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन इस लड़ाई में महत्वपूर्ण हथियार साबित हो रहे हैं।
एचपीवी वैक्सीन गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर (Cervical Cancer) से बचाव करता है, जो भारतीय महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 1,23,000 नए मामले दर्ज होते हैं। वहीं, हेपेटाइटिस-बी का टीका लिवर कैंसर (Liver Cancer) के खतरे को कम करता है।

टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल
डॉ. तेजस्वी ने बताया कि सरकार ने हाल ही में 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए एचपीवी वैक्सीन को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (NIP) में शामिल किया है। उन्होंने टीके की खुराक के बारे में जानकारी देते हुए बताया:
- एचपीवी वैक्सीन:
- 9-14 वर्ष: पहली डोज़ – 0 महीना, दूसरी डोज़ – 6 से 12 महीने बाद।
- 15 वर्ष और अधिक: पहली डोज़ – 0 महीना, दूसरी डोज़ – 1-2 महीने बाद, तीसरी डोज़ – 6 महीने बाद।
- हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन:
- पहली डोज़ – 0 महीना, दूसरी डोज़ – 1 महीना बाद, तीसरी डोज़ – 6 महीने बाद।
डॉ. तेजस्वी ने बताया कि टीके दशकों के शोध पर आधारित हैं और इनके दुष्प्रभाव नगण्य हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को निर्धारित टीकाकरण अवश्य करवाएं। डॉ. तेजस्वी ने न केवल टीकाकरण, बल्कि नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि समय पर टीके लगवाकर और जागरूकता बढ़ाकर हम कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से अपने परिवार और समाज को सुरक्षित रख सकते हैं।