बिहार के पटना में एक बड़ा भूअर्जन घोटाला सामने आया है। यहां के भूअर्जन कार्यालय में कार्यरत एक संविदा अमीन ने बिना स्थलीय निरीक्षण किए ही मापी प्रतिवेदन सौंप दिया। इस गलती के कारण एक गलत व्यक्ति को 65.47 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान कर दिया गया।
मामला तब सामने आया जब एक जांच के दौरान यह पाया गया कि मेगा औद्योगिक निर्माण के लिए अधिगृहीत 0.51 एकड़ भूमि के लिए मुआवजा गलत व्यक्ति को दिया गया है। जांच में यह भी पता चला कि संविदा अमीन रमेश शर्मा ने बिना स्थल पर जाकर मापी किए ही प्रतिवेदन सौंप दिया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने भूअर्जन पदाधिकारी को संविदा अमीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने संविदा अमीन से स्पष्टीकरण भी मांगा। जब संविदा अमीन का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो भूअर्जन पदाधिकारी ने गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।
घोटाले की प्रमुख बातें:
- बिना स्थलीय निरीक्षण: संविदा अमीन ने बिना स्थल पर जाकर मापी किए ही प्रतिवेदन सौंप दिया।
- गलत व्यक्ति को भुगतान: इस गलती के कारण एक गलत व्यक्ति को 65.47 लाख रुपये का मुआवजा भुगतान कर दिया गया।
- प्राथमिकी दर्ज: संविदा अमीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
- जिलाधिकारी का निर्देश: जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।