लोकसभा चुनाव में बिहार की राजनीति सबसे अलग रही। यहां शुरुआती दौर में जैसे लगा कि महागठबंधन बिखर गया। लेकिन बाद में सबकुछ संभलता गया। टिकट बंटवारे का विरोध भी न्यूनतम रहा। तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव के चुनावी प्रचार की मिसालें दी जाने लगी। लेकिन चुनावी सभाओं का दोहरा शतक लगाने के बाद भी तेजस्वी की पार्टी राजद के खाते में सिर्फ 4 और पूरे महागठबंधन के खाते में 9 सीटें ही आईं। तब कहा गया कि तेजस्वी ने लोकसभा चुनाव में अपेक्षाकृत सफलता भले ही हासिल न की हो लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बना दिया। लेकिन अब साफ लग रहा है कि मौजूदा स्थिति को देखें तो विधानसभा चुनाव भी तेजस्वी के हाथ से निकलता दिख रहा है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में 40 में से 30 सीटें जीतने वाली एनडीए का रिजल्ट देखें तो बिहार की 243 में से 173 सीटों पर उसे बढ़त मिली है। पूरा महागठबंधन सिर्फ 63 विधानसभा क्षेत्रों में ही बढ़त बना सका है। वैसे लोकसभा की 40 सीटों में 14 यानि एक तिहाई सीटें तो ऐसी हैं, जहां राजद, कांग्रेस, लेफ्ट किसी के प्रत्याशी किसी भी विधानसभा में आगे नहीं जा सके हैं। तो क्या महागठबंधन के हाथ से 2025 का विधानसभा चुनाव भी निकल गया? इसका जवाब अभी देना तो मुश्किल है क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलग होते हैं। लेकिन तेजस्वी यादव के लिए टेंशन की बात यह है कि मुद्दे चाहे कितने भी अलग रहे हों, जनता उन्हें उनकी मेहनत से कम फल दे रही है। हालांकि अभी विधानसभा चुनाव में वक्त है और आगे कुछ भी हो सकता है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों का विधानसभावार आंकलन
- सीमांचल : इस क्षेत्र की 5 लोकसभा क्षेत्रों के 42 विधानसभा क्षेत्रों में 27 पर एनडीए को बढ़त मिली है। महागठबंधन के प्रत्याशियों को 9 पर ही बढ़त मिली। चार विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम और दो पर निर्दलीय आगे रहे।
- शाहाबाद और मगध : इस क्षेत्र के 11 लोकसभा क्षेत्रों की 68 विधानसभा सीटों में 26 पर एनडीए आगे रहा। जबकि 42 पर महागठबंधन के उम्मीदवार भारी पड़े।
- मिथिलांचल : इस क्षेत्र के पांच लोकसभा क्षेत्रों की 30 सीटों में 28 पर एनडीए तो दो पर महागठबंधन के उम्मीदवार प्रतिद्वंद्वी आगे रहे।
- तिरहुत और सारण : इस क्षेत्र के 9 लोकसभा क्षेत्रों की 54 सीटों में 48 पर एनडीए, 5 पर महागठबंधन और एक पर निर्दलीय आगे रहे।
- पूर्वी बिहार : इस क्षेत्र में 5 लोकसभा क्षेत्रों की 31 विधानसभा सीटों में 27 पर एनडीए के उम्मीदवार आगे रहे। जबकि 4 पर महागठबंधन आगे रहा।
- चंपारण : यहां की 3 लोकसभा क्षेत्रों की 18 सीटों में 17 पर एनडीए तो एक पर महागठबंधन ने बढ़त बनाई।
इन 14 लोकसभा की सभी विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन के उम्मीदवार पिछड़े
- सुपौल
- खगड़िया
- पूर्णिया
- जमुई
- पश्चिम चंपारण
- दरभंगा
- मधुबनी
- झंझारपुर
- समस्तीपुर
- मुजफ्फरपुर
- वैशाली
- महाराजगंज
- सीवान
- गोपालगंज