बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने के लिए इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार रोडमैप पेश किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा घोषित इस महायोजना के तहत वर्ष 2025 से 2030 के बीच 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य सिर्फ संख्या भर नहीं, बल्कि बिहार के आर्थिक ढांचे, शैक्षणिक गुणवत्ता और औद्योगिक माहौल में व्यापक परिवर्तन का संकेत देता है। मुख्यमंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि राज्य के युवा तभी प्रगति करेंगे जब उन्हें उच्च स्तर की तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त होगा। इसी दृष्टि से सरकार ने राज्य में कौशल विकास और रोज़गार सृजन के लिए गहन अनुश्रवण और मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की है।

सरकार की योजना का सबसे अहम हिस्सा तीन नए विभागों का गठन है—युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और नागर विमानन विभाग। इन विभागों का गठन केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि राज्य के विकास मॉडल में एक संरचनात्मक सुधार है, जिसका सीधा लाभ युवाओं को नौकरी और रोजगार के रूप में मिलेगा। युवा, रोजगार एवं कौशल विभाग जहां युवाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार के लिए विभिन्न योजनाओं से जोड़ने का केंद्र बनेगा, वहीं उच्च शिक्षा विभाग का उद्देश्य शिक्षण गुणवत्ता को नए स्तर पर ले जाना है। उच्च शिक्षा को ज्यादा रोजगारपरक बनाने, अनुसंधान को बढ़ावा देने और तकनीकी शिक्षा को विस्तार देने के लिए यह विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके साथ ही नागर विमानन विभाग का गठन राज्य में तेजी से विकसित हो रहे एयर कनेक्टिविटी नेटवर्क को मज़बूती देगा। नए हवाई अड्डों के निर्माण और उड़ान योजना के विस्तार से जहां औद्योगिक माहौल मजबूत होगा, वहीं बड़े पैमाने पर रोजगार की भी स्थिति बनेगी। राज्य के विभिन्न जिलों से देश और विदेश के बाजारों तक बिहार के उत्पादों का निर्यात आसान होगा, जिससे स्थानीय उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी।
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रोजगार सृजन को मजबूती देने के लिए सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम निदेशालय तथा बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम (BMPC) की स्थापना का भी निर्णय लिया है। एमएसएमई निदेशालय प्रत्येक जिले में मेगा स्किल सेंटर स्थापित करेगा, जहां युवाओं को उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप विशेष कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल सीधी नौकरी के अवसर पैदा करने के साथ-साथ उद्यमिता को प्रोत्साहित करेगी। वहीं बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम कृषि, पशुपालन, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, ग्रामीण उद्योग और कुटीर उद्योग से जुड़े उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण क्षमता को मजबूत करेगा। इससे न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए खेती-बाड़ी से लेकर उत्पादन और मार्केटिंग तक नए रोजगार के आयाम खुलेंगे।
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सरकार का दावा है कि यह पूरा रोजगार खाका केवल सरकारी नौकरियों तक सीमित नहीं, बल्कि स्टार्टअप, एमएसएमई, सेवा क्षेत्र, शिक्षा, विमानन, उद्योग और कृषि आधारित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का द्वार खोलेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि बिहार सरकार राज्य के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है और इस पहल का मूल उद्देश्य उन्हें सक्षम, दक्ष और आत्मनिर्भर बनाना है। विकसित बिहार के लक्ष्य की दिशा में यह योजना आने वाले वर्षों में राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है।






















