Baniapur Vidhan Sabha 2025: बिहार की राजनीति में बनियापुर विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 115) हमेशा से चर्चा में रही है। सारण जिले की यह सीट कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करती थी। कांग्रेस ने यहां लगातार सात बार जीत दर्ज कर इतिहास रचा, लेकिन 1985 के बाद से पार्टी यहां परचम नहीं लहरा सकी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) का अब तक इस सीट पर खाता भी नहीं खुल पाया है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने यहां मजबूत पकड़ बना ली है।
चुनावी इतिहास
बनियापुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास बाहुबली नेताओं और परिवारवाद की राजनीति से भी जुड़ा रहा है। लंबे समय तक यहां बाहुबली नेता मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह का दबदबा रहा। उन्होंने तीन बार विधायक बनकर साबित किया कि बनियापुर में जब तक वे मैदान में रहे, किसी अन्य उम्मीदवार के लिए जगह नहीं रही। 2008 के परिसीमन के बाद जब उन्होंने चुनावी क्षेत्र बदला, तब से यहां आरजेडी का सिक्का चलने लगा।
Manjhi Vidhansabha 2025: बिहार की राजनीति का बदलता समीकरण, कांग्रेस से लेकर लेफ्ट तक का सफर
2010 और 2015 के चुनावों में आरजेडी नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह ने जीत दर्ज की। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी केदारनाथ सिंह ने लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार ओझा को 27,789 वोटों से हराकर यह साबित किया कि बनियापुर में फिलहाल RJD का किला मजबूत है। इस जीत में लोजपा उम्मीदवार तारकेश्वर सिंह की मौजूदगी से एनडीए के वोट बैंक के बंटवारे का भी बड़ा योगदान रहा।
जातीय समीकरण
बनियापुर सीट सिर्फ राजनीति ही नहीं बल्कि जातीय समीकरणों के लिहाज से भी अहम मानी जाती है। यहां राजपूत और यादव समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राजपूत और भूमिहार वर्ग की आबादी सबसे अधिक है, जिसमें केदारनाथ सिंह खुद भी राजपूत वर्ग से आते हैं। वहीं, बनियापुर पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र है, जहां 11.78 फीसदी अनुसूचित जाति और करीब 1 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या है।






















