बिहार में जातिगत जनगणना लागू होने के बाद तरह तरह के आंकलन हो रहे हैं। कोई आबादी के आधार पर तीन उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहा है। तो कोई आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग कर रहा है। जातिगत गणना का आखिरी आंकड़ा 1931 में आया और दूसरा आंकड़ा बिहार में 2023 में आया। अभी जो आंकड़ें जारी हुए हैं, उसके मुताबिक बिहार के सीएम नीतीश कुमार जिस कुर्मी जाति से आते हैं, उसकी जनसंख्या 2.87 फीसदी है। सीएम नीतीश कुमार लगभग दो दशकों से बिहार की सत्ता संभाले हुए हैं। वहीं जनसंख्या के हिसाब से टॉप 6 जातियों में से तीन जातियों के चार चार सीएम रहे हैं।
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तीन जातियों से 4-4 सीएम
आजादी के बाद से अभी तक बिहार में सीएम की कुर्सी पर बैठने वाले कुल 21 नाम हैं। इसमें 11 अलग अलग जातियों वाले सीएम रहे हैं। सबसे अधिक यादव, ब्राह्मण और राजपूत जाति के सीएम रहे हैं। ये तीनों जातियां अभी जारी हुई जातीय जनगणना में जनसंख्या के हिसाब से टॉप 6 जातियों में शामिल हैं। इन तीनों जातियों से 4-4 सीएम रहे हैं।

बिहार में रहे ब्राह्मण जाति से सीएम
- विनोदानंद झा
- केदार पांडेय
- जगन्नाथ मिश्रा
- भागवत झा
बिहार में रहे राजपूत जाति से सीएम
- दीप नारायण सिंह
- हरिहर सिंह
- चंद्रशेखर सिंह
- सत्येंद्र नारायण सिन्हा
बिहार में रहे यादव जाति से सीएम
- बीपी मंडल
- दरोगा प्रसाद राय
- लालू यादव
- राबड़ी देवी
दुसाध, चमार, मुसहर के एक-एक सीएम
जनसंख्या के हिसाब से सबसे अधिक यादव जाति के लोग बिहार में हैं। यादव जाति की आबादी 14.2666 प्रतिशत है। लेकिन मुख्यमंत्रियों की सूची में इस जाति की हिस्सेदारी 19 फीसदी है। वहीं ब्राह्मण जाति की आबादी 3.6575 प्रतिशत और राजपूत जाति की आबादी 3.4505 प्रतिशत है। जबकि मुख्यमंत्रियों की सूची में इन दोनों जातियों की हिस्सेदारी 19-19 फीसदी ही है। लेकिन 5.3111 प्रतिशत वाले दुसाध, 5.2550 प्रतिशत वाले चमार और 3.0872 प्रतिशत वाले मुसहर समाज से एक-एक सीएम बने हैं। जबकि कायस्थ जाति के दो सीएम रहे हैं, जो मुख्यमंत्रियों की सूची में 9 फीसदी की हिस्सेदारी है। जबकि बिहार सरकार द्वारा जारी जातिगत जनगणना में कायस्थ जाति की बिहार में आबादी 0.60 प्रतिशत बताई गई है।
बिहार की वो 10 जातियां, जिनकी सबसे अधिक जनसंख्या
