बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले राज्य की राजनीति में एक बार फिर बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने सामाजिक और राजनीतिक आधार को विस्तार देने के लिए अब मोकामा के बाहुबली और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह को अपने खेमे में लाने की रणनीति तैयार कर ली है। सूत्रों के अनुसार, सूरजभान सिंह के साथ उनकी पत्नी पूर्व सांसद वीणा देवी और भाई चंदन सिंह भी राजद की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि खुद तेजस्वी यादव इन तीनों को पार्टी में शामिल कराएंगे, जो महागठबंधन (Mahagathbandhan) के लिए एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है।
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सूरजभान परिवार का RJD में शामिल होना सिर्फ एक “सदस्यता कार्यक्रम” नहीं, बल्कि बिहार की आगामी राजनीति का बड़ा संकेत माना जा रहा है। मोकामा, जो लंबे समय से बाहुबली अनंत सिंह का गढ़ रहा है, अब राजनीतिक रूप से नया समीकरण बनते देख रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि सूरजभान सिंह या उनके परिवार के किसी सदस्य को मोकामा सीट से अनंत सिंह के खिलाफ उतारा जा सकता है। यह कदम राजद की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पार्टी बाहुबल और जनाधार दोनों को साथ लेकर NDA को उसके ही सवर्ण वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है।
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सूरजभान सिंह बिहार की राजनीति में अपनी ताकत, प्रभाव और संगठन क्षमता के लिए जाने जाते हैं। वर्ष 2000 में उन्होंने जेल में रहते हुए मोकामा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने तत्कालीन मंत्री और अनंत सिंह के भाई दिलीप सिंह को मात दी थी। इसके बाद वे रामविलास पासवान के करीबी बन गए और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में अपनी मजबूत पकड़ बनाई। अब उनके RJD में आने से पार्टी को न सिर्फ भूमिहार और सवर्ण वोट बैंक में बढ़त मिल सकती है, बल्कि सीमांचल और मगध क्षेत्र में भी RJD का असर बढ़ेगा।
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RJD फिलहाल अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण से आगे बढ़कर सवर्ण और पिछड़े वर्गों को साथ जोड़ने की कोशिश में जुटी है। सूरजभान जैसे बाहुबली नेता के शामिल होने से पार्टी का सामाजिक संतुलन और व्यापक बनेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से RJD सीधे तौर पर NDA के वोट बैंक को चुनौती देने की स्थिति में आ जाएगी।






















