बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की आहट तेज़ हो चुकी है और इसके साथ ही राजनीतिक दलों की तैयारियां भी अपने चरम पर पहुंच रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनावी जंग की रूपरेखा तय करने के लिए पटना में आज यानी 4 अक्टूबर 2025 को अपनी प्रदेश चुनाव समिति की अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में हो रही है और इसे आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने वाला रणनीतिक मोड़ माना जा रहा है।
बैठक में पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य, और संगठन प्रभारी सीआर पाटिल सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं। इनके साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, तथा विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने के साथ-साथ उम्मीदवार चयन और सीट बंटवारे पर भी निर्णायक चर्चा होगी।
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बैठक में उन सीटों की समीक्षा की जा रही है, जहां पिछली बार पार्टी को मामूली अंतर से हार मिली थी। इन क्षेत्रों में जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवारों की लोकप्रियता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कई मौजूदा विधायकों के टिकट भी काटे जा सकते हैं, जबकि युवा और सक्रिय चेहरों को प्राथमिकता दी जा सकती है।
बैठक के बाद उम्मीदवारों की प्राथमिक सूची दिल्ली भेजी जाएगी, जहां अगले चरण में केंद्रीय नेतृत्व अंतिम फैसला लेगा। माना जा रहा है कि दिल्ली में पार्टी की संसदीय बोर्ड बैठक में उम्मीदवारों की सूची को हर क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण और सामाजिक संतुलन के आधार पर अंतिम रूप दिया जाएगा।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि “बिहार में इस बार पार्टी का लक्ष्य सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि जनविश्वास को मजबूत करना है। उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में संगठन की भूमिका अहम होगी, और टिकट केवल जीत की संभावना के आधार पर दिए जाएंगे।”






















