बिहार की राजनीति एक बार फिर रोचक मोड़ पर पहुंच चुकी है। इंकसाइट द्वारा कराए गए ओपिनियन पोल के मुताबिक, तेजस्वी यादव जहां सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में उभरते दिख रहे हैं, वहीं सरकार बनाने के सवाल पर जनता का रुझान NDA की ओर जाता दिख रहा है।
इस सर्वे ने उन राजनीतिक समीकरणों को सामने रखा है, जो सिर्फ नेता की लोकप्रियता पर नहीं, बल्कि जातीय और सामाजिक आधार पर गठबंधनों की असली ताक़त को भी दर्शाते हैं।
सवाल | प्रमुख निष्कर्ष |
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अगर आज चुनाव हो तो सरकार किसकी? | NDA – 49%, महागठबंधन – 36% |
सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री चेहरा | तेजस्वी यादव – 38%, नीतीश कुमार – 36%, चिराग पासवान – 5%, सम्राट चौधरी – 2% |
यादव मतदाता किसके साथ? | महागठबंधन – 57%, NDA – 33% |
मुस्लिम मतदाता किसके साथ? | महागठबंधन – 68%, NDA – 13% |
तेजस्वी यादव की लोकप्रियता का ग्राफ चढ़ता लेकिन सत्ता की गणना और कहानी अलग
38% जनता ने तेजस्वी को पहली पसंद बताया है, जो दिखाता है कि जनता उन्हें नेता के रूप में स्वीकारने को तैयार है, लेकिन यह वास्तविक चुनाव परिणाम में तब्दील होगा या नहीं, यह गठबंधन और जातीय समीकरणों पर निर्भर करता है।
नीतीश कुमार अभी भी टक्कर में, NDA का वोट ट्रांसफर मैकेनिज्म प्रभावी
36% लोग अब भी नीतीश को सीएम के रूप में पसंद करते हैं, जिससे साफ है कि एंटी-इनकम्बेंसी के बावजूद वे प्रभावी विकल्प बने हुए हैं। NDA को मिला 49% मत समर्थन इसी संगठित वोट ट्रांसफर और जातीय तालमेल का परिणाम है।
M-Y समीकरण अब भी महागठबंधन के साथ, लेकिन NDA की सेंधमारी शुरू
मुस्लिम और यादव मतदाता पर RJD की पकड़ मजबूत दिख रही है, लेकिन यादव समुदाय का 33% NDA की ओर झुकाव महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। ये प्रतिशत सीमित दिख सकते हैं, लेकिन कई सीटों पर निर्णायक प्रभाव डाल सकते हैं।
तेजस्वी को M-Y समीकरण मिल रहा है, लेकिन अन्य पिछड़े वर्ग (OBC), सवर्ण और अतिपिछड़ों में NDA का वर्चस्व बना हुआ है। BJP द्वारा सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाने का जातिगत असर कुशवाहा और अति पिछड़े वर्गों पर पड़ा है, जिसका परिणाम NDA के बढ़ते आंकड़ों में दिख रहा है।