बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) के समीकरण अब और दिलचस्प होते जा रहे हैं। चुनाव से पहले जन सुराज अभियान के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बड़ा बयान देकर सियासी हलचल तेज कर दी है। उन्होंने संकेत दिया है कि अगर जनता चाहेगी तो वे राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं — वही सीट जो तेजस्वी यादव का गढ़ मानी जाती है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी का निर्णय किसी राजनीतिक सौदेबाज़ी से नहीं बल्कि राघोपुर की जनता की राय से होगा। जन सुराज अभियान के तहत यह तय है कि किसी भी प्रत्याशी को टिकट केवल जनता की सहमति से मिलेगा। उन्होंने कहा, “राघोपुर की जनता ही तय करेगी कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं। अगर लोग चाहेंगे तो जन सुराज का उम्मीदवार वहां से उतरेगा — और तेजस्वी यादव को हराएगा।”
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री को डर है कि राघोपुर के लोग उन्हें हरा देंगे, इसलिए वे दूसरी सीट से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “तेजस्वी को राघोपुर में राहुल गांधी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जैसे अमेठी में हुआ था।”
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पीके ने राघोपुर क्षेत्र की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बिहार का सबसे पिछड़ा इलाका है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का क्षेत्र होने के बावजूद यहां के बच्चों के लिए स्कूल नहीं, महिलाओं के लिए अस्पताल नहीं और आज तक सड़क तक नहीं बनी। यह बिहार के विकास मॉडल की सच्चाई है।”
जन सुराज अभियान के दौरान राघोपुर पहुंचने पर घोपुर पुल के पास कार्यकर्ताओं ने प्रशांत किशोर का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वे यहां दिखाने आए हैं कि सत्ता के इतने करीब होने के बावजूद यह क्षेत्र आज भी गरीबी, बाढ़ और अविकास से जूझ रहा है। वैशाली जिले का राघोपुर क्षेत्र गंगा के बीच स्थित है, जहां हर साल बाढ़ से जनजीवन प्रभावित होता है। प्रशांत किशोर का यह दौरा सिर्फ एक राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि सीमांचल और दियारा बेल्ट में जन सुराज की पैठ मजबूत करने की रणनीति भी माना जा रहा है।