Bihar Election Controversy: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा ने बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर तीखी टिप्पणी की। वाड्रा ने दावा किया कि बिहार में जनादेश को “खरीद लिया गया” और चुनावी प्रक्रिया ने लोकतांत्रिक मर्यादा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि बिहार का चुनावी नतीजा जनता की वास्तविक भावना का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि “10 हजार रुपए देकर वोटरों को प्रभावित किया गया।” वाड्रा के मुताबिक राज्य की जनता इन परिणामों से ना केवल निराश है, बल्कि पूरे घटनाक्रम ने लोकतंत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
रॉबर्ट वाड्रा ने इस अवसर पर राजनीति में अपनी संभावित भूमिका पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अगर वे राजनीतिक पारी शुरू करते हैं तो विरोधी ‘परिवारवाद’ का आरोप लगाएंगे, लेकिन उनका कहना है कि “अगर जनता चाहेगी तो मैं राजनीति में आकर उनकी आवाज़ को और ताकत दूंगा।” वाड्रा ने दावा किया कि संसद में जाने का अर्थ होगा लोगों की आवाज़ को मजबूती देना, न कि किसी वंशवादी छवि को बढ़ाना।
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राजनीति में अपने बेटे रेहान की एंट्री के सवाल पर वाड्रा ने साफ कहा कि “ये सही समय नहीं है।” उन्होंने कहा कि रेहान बचपन से राजनीति को नज़दीक से देख रहा है, गांधी परिवार के संघर्ष को महसूस किया है और बीजेपी द्वारा “एजेंसियों के दुरुपयोग” को भी समझ चुका है।
वाड्रा ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव के हर पड़ाव में गांधी परिवार का नाम इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में भी सत्ता पक्ष और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली ने ऐसी स्थितियां पैदा कीं जिससे परिणाम संदिग्ध दिखाई देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार में जो हुआ, वह लोकतांत्रिक आदर्शों के ख़िलाफ़ है और अगर चुनाव दोबारा कराए जाएं तो परिणाम पूरी तरह बदल सकते हैं।
युवाओं की नाराज़गी का उल्लेख करते हुए वाड्रा ने कहा कि बिहार और देशभर के युवा मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान हैं और बदलाव चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरी और जनता अब विकल्प की तलाश कर रही है।






















