Bihar Flood Update: बिहार में गंगा नदी का जलस्तर भले ही धीरे-धीरे घट रहा हो, लेकिन भागलपुर और आसपास के इलाकों में बाढ़ और कटाव का खतरा अभी भी बना हुआ है। फरक्का बैराज के सभी गेट खोलने और बारिश थमने से जलस्तर में कमी आनी शुरू हो गई है, लेकिन दीघा घाट (पटना) से लेकर फरक्का (पश्चिम बंगाल) तक गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि बुधवार को भागलपुर में जलस्तर में 25 सेंटीमीटर और कहलगांव में 32 सेंटीमीटर की कमी आ सकती है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार सुबह 11 बजे भागलपुर जिले का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। उनका मुख्य फोकस इस्माईलपुर-बिंदटोली तटबंध के पास गंगा के कटाव से उत्पन्न संकट को देखना होगा। वे हवाई सर्वे के दौरान सबौर के मसाढ़ू और ममलखा जैसे संवेदनशील इलाकों की भी स्थिति का आकलन करेंगे। मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे हवाई अड्डा मैदान पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे और पॉलिटेक्निक कॉलेज परिसर में बने राहत शिविर में जाकर प्रभावित लोगों से मिलेंगे।
कटाव रोकने के लिए इस्माईलपुर-बिंदटोली तटबंध पर स्पर संख्या आठ और नौ के बीच 260 मीटर लंबे क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत तेजी से की जा रही है। जलस्तर घटने के बाद तटबंध की बहाली का काम और तेज हो गया है। मौके पर मौजूद मुख्य अभियंता अनवर जमील ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन निगरानी लगातार जारी है।
मंगलवार को भागलपुर में 9 सेंटीमीटर और कहलगांव में 8 सेंटीमीटर पानी कम हुआ, जबकि फरक्का में 5 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई। अभियंताओं का कहना है कि बुधवार से यहां जलस्तर में कमी आने लगेगी। प्रमंडलीय आयुक्त हिमांशु कुमार राय ने बताया कि फरक्का में 101 फाटक खोल दिए गए हैं, जिससे पानी का दबाव कम हो रहा है और अगले दो-तीन दिनों में हालात सामान्य हो सकते हैं।
स्थानीय लोगों के लिए जलस्तर में कमी राहत की खबर है, लेकिन गंगा के किनारे बस्तियों में रहने वालों को अभी भी कटाव के खतरे से जूझना पड़ रहा है। बाढ़ का पानी उतरते ही कई गांवों में मरम्मत और पुनर्वास कार्य शुरू हो गए हैं, लेकिन नदी किनारे की कमजोर मिट्टी और तेज बहाव प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।


















