बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की पुस्तक ‘आरोग्य पथ पर बिहार, जन स्वास्थ्य का मंगल काल’ का विमोचन 17 दिसंबर को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर करेंगे। इधर किताब विमोचन से पहले पटना के चौक चौराहे पर बड़े-बड़े बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं, इसको लेकर बिहार में राजनीति का पारा बढ़ गया है।
मामले को लेकर RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन ने हेल्थ मिनिस्टर की किताब मंगल काल पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मंगल पांडेय ने अपनी किताब का शीर्षक स्वास्थ्य विभाग का अमंगल काल रखना चाह रहे थे, गलती से उन्होंने इसका शीर्षक मंगल काल रखा है। किताब लिखने से पहले उनको कैग की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए थी, जो विभाग सरकार की ओर आवंटित राशि नहीं खर्च कर पा रही हो. खाली पदों को नहीं भर पा रही है और अस्पतालों में इलाज के लिए जरुरी उपकरण नहीं व्यवस्ता कर पा रही हो, उस विभाग के मंत्री स्वास्थ्य क्षेत्र में मंगल काल पर पुस्तक लिखते हैं। इससे अमंगलकारी कार्य और क्या हो सकता है।’
इधर कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा कि ‘हेल्थ मिनिस्टर को अपनी किताब में बिहार विधानसभा में 28 नवंबर 2024 को पेश कैग की रिपोर्ट की भी चर्चा करनी चाहिए, सीएजी की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में मंगल काल नहीं बल्कि अमंगल काल चल रहा है। वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच सरकार द्वारा आवंटित 69790.83 करोड़ रू के बजट में सिर्फ 69% राशि ही खर्च की जा सकी थी, जबकि 21743.004 करोड़ रुपये बिना उपयोग किए रह गए। मंत्री को अपनी किताब में इसकी चर्चा करते हुए बताना चाहिए कि इस प्रशासनिक लापरवाही के लिए कौन जिम्मेवार है।’