NDA की ऐतिहासिक जीत ने नई सरकार के गठन (Bihar NDA Govt Formation) की प्रक्रिया को अत्यधिक तेज़ कर दिया है और इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विधायकों को रविवार शाम तक किसी भी परिस्थिति में पटना पहुंचने का निर्देश जारी किया है। त्रों के अनुसार सोमवार की मुलाकात में नीतीश कुमार सभी विधायकों से सीधे संवाद करेंगे, जहां अगले मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति और मंत्रिमंडल के स्वरूप पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। यह भी माना जा रहा है कि जेडीयू विधायक दल की बैठक नीतीश के नेतृत्व पर एक बार फिर मुहर लगा सकती है और NDA सहयोगियों के बीच सत्ता-साझेदारी को लेकर भी स्पष्ट रूपरेखा तय की जाएगी।
चुनाव नतीजों में इस बार एनडीए ने बेहद प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। भाजपा को 89, जेडीयू को 85, लोजपा (रामविलास) को 19, हम को 5 और रालोमा को 4 सीटें मिली हैं, जिससे गठबंधन आसानी से बहुमत के पार पहुंच चुका है। यह परिणाम न केवल NDA की चुनावी रणनीति की सफलता दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि संगठन स्तर पर दोनों प्रमुख दलों के बीच मजबूत समन्वय रहा है।
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सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदा कैबिनेट के 29 में से 28 मंत्री इस बार विजयी हुए हैं। केवल मंत्री सुमित कुमार सिंह को छोड़कर सभी मंत्रियों की जीत ने एक तरह से जनता के जनादेश को साफ कर दिया है। इसे नीतीश सरकार के पिछले कार्यकाल के प्रति जनता के विश्वास का मजबूत संकेत माना जा रहा है।
सोमवार की प्रस्तावित जेडीयू विधायक दल की बैठक पर सारी निगाहें टिकी हैं, क्योंकि यहीं से सरकार गठन की दिशा और नेतृत्व पर अंतिम फैसला निकल सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए की इस जीत के बाद बिहार में स्थिर सरकार के संकेत साफ दिख रहे हैं, लेकिन यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि आने वाले पांच वर्षों में गठबंधन किन मुद्दों को केंद्र में रखकर आगे बढ़ता है।






















