आज पटना के गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar New Cabinet) के साथ गठबंधन के घटक दलों बीजेपी, जेडीयू, लोजपा आर, हम और रालोमो के कुल 26 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। नई सूची ने साफ कर दिया कि पिछली सरकार की टीम में बड़ा बदलाव हुआ है। पुराने मंत्रियों में से 19 की छुट्टी कर दी गई है, जबकि 12 नए चेहरों को जगह दी गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कोटे से सभी 8 मंत्रियों को दोबारा मौका दिया है। इसके उलट बीजेपी ने संतुलन और नये प्रयोग की राह चुनी है, जहां पार्टी ने केवल 5 पुराने मंत्रियों को दोबारा जगह दी, जबकि छह नए चेहरों को शामिल किया है।
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भाजपा के कोटे से पहली बार मंत्री बनने वालों में रामकृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, रमा निषाद, लखेन्द्र कुमार रौशन और अंतरराष्ट्रीय शूटर से नेता बनी श्रेयसी सिंह शामिल हैं। लोजपा आर ने नए चेहरे उतारे हैं। संजय कुमार और संजय कुमार सिंह पहली बार मंत्री बनकर सत्ता के केंद्र में आए हैं। उधर रालोमो की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश ने भी पहली बार मंत्रिपद की शपथ ली, जिससे यह स्पष्ट है कि कुशवाहा परिवार ने राजनीति में अगली पीढ़ी को आगे बढ़ाने की शुरुआत कर दी है।
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शपथ समारोह जितना चर्चा में रहा, उतनी ही चर्चा उस सूची ने भी बटोरी जिसमें उनके नाम शामिल हैं जिनका पत्ता कट गया। पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, नीरज सिंह बब्लू, कृष्ण कुमार मंटू, महेश्वर हजारी, राजू सिंह, डॉ सुनील कुमार, जनक राम, शिला मंडल, प्रेम कुमार, हरि सहनी, कृष्णनंदन पासवान और रत्नेश सदा जैसे कई बड़े नाम इस बार मंत्रिमंडल से बाहर हो गए। दिलचस्प बात यह रही कि पिछली सरकार में मंत्री रहे सुमित कुमार सिंह चुनाव हार गए, जबकि मोतीलाल प्रसाद को टिकट ही नहीं मिला था।






















