Bihar Cabinet 2025: पटना में सत्ता का नया अध्याय उस समय खुला जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार दसवीं बार शपथ लेते हुए अपना नया मंत्रिमंडल जनता के सामने पेश किया। गांधी मैदान में सुबह से शुरू हुआ उत्साह और भीड़ का उमड़ता जनसैलाब इस बात का संकेत दे रहा था कि बिहार आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र में ला दिया।
इस बार नीतीश कैबिनेट में कई नए चेहरे शामिल किए गए हैं। भाजपा से रामकृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र कुमार रौशन और श्रेयसी सिंह को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है। इनके चयन के पीछे जातीय समीकरण, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और संगठनात्मक मजबूती जैसे कई पहलुओं को ध्यान में रखा गया है।
रामकृपाल यादव की एंट्री को खास माना जा रहा है। लंबे समय तक राजद में सक्रिय रहने के बावजूद वे कभी मंत्री नहीं बन पाए। भाजपा में आने के बाद केंद्र में मंत्री रहे, लेकिन राज्य सरकार में उन्हें पहली बार मौका मिला है। उनकी पहचान एक जमीनी और अनुभवी नेता की है जो पटना और मगध क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं।
संजय सिंह टाइगर की गिनती उन नेताओं में होती है जिन्होंने अपने राजनीतिक सफर में लगातार जनता से जुड़ाव बनाए रखा। भोजपुर की आरा सीट से विधायक बने टाइगर इससे पहले संदेश विधानसभा क्षेत्र से भी जीत चुके हैं। आरा की सियासत में उनके बढ़ते प्रभाव ने भाजपा को यह संदेश देने का मौका दिया है कि पार्टी युवा और एक्टिव चेहरों को आगे ला रही है।
अरुण शंकर प्रसाद मधुबनी के खजौली से विजयी हुए हैं। उनका नाम उस कोटे में आता है जिसके जरिए भाजपा मिथिला क्षेत्र में अपना विस्तार मजबूत करना चाहती है। इसी तरह रमा निषाद की कैबिनेट में एंट्री भी बेहद चर्चित है। औराई सीट से जीती रमा निषाद पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं। दिलचस्प यह है कि चुनाव से ठीक पहले अजय निषाद कांग्रेस छोड़कर फिर भाजपा में लौटे थे, जिसके बाद अचानक रमा निषाद को मौका मिला और वे विधायक बनने के साथ अब मंत्री पद तक पहुंच गईं।
लखेंद्र कुमार की गणना केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के करीबी नेताओं में की जाती है। वैशाली जिले की पातेपुर सीट से उनकी जीत ने उन्हें नीतीश कैबिनेट में जगह दिलाई है। उनकी नियुक्ति से भाजपा ने राय के प्रभाव वाले क्षेत्र में संगठन को और मजबूत करने की रणनीति अपनाई है।
एनडीए के घटक दल भी इस मंत्रिमंडल में हिस्सेदार बने हैं। चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) से संजय कुमार और संजय कुमार सिंह को मंत्री पद दिया गया है, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोमो से दीपक प्रकाश को शपथ दिलाई गई है।






















