बिहार के शेखपुरा जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा नजर आया है। यहां एक थाना प्रभारी ने एक ई-रिक्शा चालक की बेरहमी से पिटाई कर दी। थाना प्रभारी ने रिक्शा चालक को सिर्फ इसलिए बेहरमी से पीटा क्योंकि उसने थाना प्रभारी को रास्ता नहीं दिया। इतना ही नहीं जब थाना प्रभारी का गुस्सा शांत हुआ तो रिक्शा चालक को थाने ले जाया गया। फिर उससे थूक चाटने और मांफी मांगने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं जाति पूछकर आपत्तिजनक शब्द भी कहा गया।

हालांकि ये मामला जैसे ही एएसपी राकेश कुमार के संज्ञान में आया उन्होंने तुरंत आरोपी थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया और विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है। लेकिन अब इसको लेकर बिहार में सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। राजद नेत्री रोहिणी आचार्य ने इसको लेकर सोशल मीडिया एक्स पर बिहार की एनडीए सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने लिखा कि ये तो महज एक बानगी है बिहार में राक्षसराज के जारी तांडव की। पूरी व्यवस्था बेलगाम हो चुकी है। जातिगत विद्वेष का संक्रमण सत्ता के संरक्षण में फैलाया जा रहा है। सत्ताधारी गठबंधन के लोग ऐसी वारदातों-घटनाओं पर चुप्पी साध लेते हैं क्यूँकि समाज में जहर घोलने का पूरा षड़यंत्र सत्ताधारी जमात की शह पर ही हो रहा है।
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उन्होंने आगे लिखा कि बिहार की जनता ही कहती है कि ऐसा 2005 के पहले नहीं होता था क्यूँकि तब उन लालू जी का शासनकाल था जिन्होने जातिगत भेद-विद्वेष की दीवारों-बंदिशों को तोड़ने का काम किया और हरेक वंचित-उपेक्षित को अपने सम्मान, अस्तित्व एवं अधिकारों के लिए लड़ने की ताकत दी।