बिहार पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार बिहार पुलिस के जांच अधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्टफोन उपलब्ध कराने के लिए 200 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य पुलिस के कामकाज को डिजिटल रूप से मजबूत बनाना है। केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए तीन नए कानूनों के तहत तलाशी, जब्ती और बयान दर्ज करने के लिए वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है। इन नए कानूनों के कारण पुलिस के डिजिटल कामकाज में काफी बढ़ोतरी हुई है।
बिहार सरकार ने इन नए कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पुलिस को आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने का फैसला किया है। राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया है और जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस योजना के तहत राज्य के लगभग 23 हजार जांच अधिकारियों को लैपटॉप और स्मार्टफोन दिए जाएंगे। साथ ही, डीएसपी रैंक के लगभग 2 हजार सुपरविजन अधिकारियों को भी ये उपकरण दिए जाएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट पर सरकार लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
पहले चरण में लगभग 10 हजार जांच अधिकारियों को ये उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। इस पहल से बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली में काफी सुधार होने की उम्मीद है। पुलिस अधिकारी अब डिजिटल माध्यम से अपराधों की जांच कर सकेंगे और अपराधियों को पकड़ने में अधिक सफल होंगे।
यह पहल बिहार पुलिस को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगी और राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।