बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की दहलीज पर खड़ी राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में अंदरूनी कलह फिर से सामने आ गया है। पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सरकारी आवास के बाहर आज एक नाटकीय घटना घटी। पार्टी की वरिष्ठ कार्यकर्ता उषा देवी ने विधानसभा टिकट न मिलने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। उषा देवी ने लालू यादव के आवास के गेट पर धरना दिया और अपनी पीड़ा को आवाज देकर पार्टी नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर दिया।
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उषा देवी, जो राजद की लंबे समय से सक्रिय सदस्य हैं, ने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग की थी। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर किसी अन्य उम्मीदवार को चुना, जिससे वे बेहद आहत हो गईं। आज दोपहर करीब 12 बजे वे लालू-राबड़ी आवास पहुंचीं और गेट के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने अपना कुर्ता फाड़ा, फूट-फूटकर रोया और पार्टी नेताओं पर टिकट वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन वे करीब आधे घंटे तक डटी रहीं। बाद में राजद के कुछ स्थानीय नेताओं ने उन्हें समझा-बुझाकर मामला शांत किया।
उषा देवी ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, “मैं 17 साल की उम्र से पार्टी की सदस्य हूं। चुनाव प्रचार के लिए बोधगया जाने से पहले मैंने अपने माता-पिता से आशीर्वाद लेने के लिए अपने गांव का दौरा किया था। खेसारी लाल और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के समर्पण और आश्वासन के बावजूद, मुझे बोधगया निर्वाचन क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं मिला। मैं निराश हूं, लेकिन फिर भी तेजस्वी यादव और लालू यादव का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।






















