Bihar Teacher Salary Rule: बिहार में शिक्षकों के वेतन को लेकर वर्षों से चली आ रही देरी की समस्या अब खत्म होने जा रही है। नीतीश सरकार ने सोमवार को एक नई व्यवस्था लागू करते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि हर महीने की पहली तारीख को सबसे पहले शिक्षकों के खाते में वेतन जमा होगा। इसके बाद ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों का पेमेंट प्रोसेस किया जाएगा। विभाग ने इसे सुनिश्चित करने के लिए आधिकारिक एसओपी जारी कर दी है, जिसमें समय-सीमा और भुगतान प्रक्रिया दोनों को पूरी तरह व्यवस्थित कर दिया गया है।
शिक्षा विभाग की प्राथमिक निदेशक साहिला द्वारा जारी आदेश के बाद सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को यह निर्देश भेजा गया है कि किसी भी स्थिति में शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी न हो। यह कदम उन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उठाया गया है, जिनमें कई महीनों तक शिक्षकों को सैलरी नहीं मिल पाती थी और त्योहारों या अन्य आर्थिक जरूरतों के दौरान उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था। खासकर नियोजित शिक्षकों से सरकारी शिक्षक बने हजारों कर्मियों के लिए यह देरी सबसे बड़ी चुनौती थी।
सक्षमता परीक्षा पास कर विशेष शिक्षक के रूप में नियुक्त हुए शिक्षकों से लेकर बीपीएससी द्वारा चयनित प्रधान शिक्षक और हेडमास्टर तक, लगभग हर स्तर पर वेतन की अनिश्चितता की शिकायतें सामने आती रही हैं। कई बार तीन से चार महीने तक भुगतान लंबित रहने की स्थितियों ने न सिर्फ शिक्षकों की आर्थिक स्थिरता प्रभावित की, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका सीधा असर पड़ता था।
नई व्यवस्था के लागू होते ही अब पूरे राज्य में वेतन भुगतान को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि शिक्षा व्यवस्था की नींव शिक्षक हैं और उनकी आर्थिक परेशानियों को दूर किए बिना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद संभव नहीं। इसलिए शिक्षकों की सैलरी को प्राथमिकता देना अब कानूनन तय हो गया है।
















