राजद परिवार पर सरकारी आवास खाली कराने की कार्रवाई का सिलसिला बढ़ता दिखाई दे रहा है। लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की विधायकी जाने के बाद अब उनका सरकारी बंगला भी जाने वाला है। उन्हें किसी भी वक्त 26 M स्ट्रैंड रोड वाला आलीशान बंगला छोड़ना पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को आवास खाली करने का नोटिस दिए जाने के ठीक बाद अब उनके बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव को भी सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा। स्ट्रैंड रोड स्थित 26 एम नंबर का यह आवास वर्षों से तेजप्रताप के कब्जे में था, लेकिन महुआ विधानसभा से हार के बाद वे विधायक नहीं रहे और यही कानूनी कारण अब उनके सरकारी आवास छिनने की वजह बना है।
राबड़ी आवास विवाद: क्या सरकारी नोटिस के बाद महुआबाग बनेगा लालू परिवार का नया राजनीतिक केंद्र
सरकार के भवन निर्माण विभाग ने इस आवास को नए मंत्री लखिन्दर कुमार रौशन को आवंटित कर दिया है। विभाग के इस फैसले के बाद यह साफ हो गया कि तेजप्रताप को जल्द ही बंगला खाली करना होगा। खास बात यह है कि तेजप्रताप ने मंत्री रहते हुए इसी आवास से कई राजनीतिक संदेश दिए और वे इसी पते से अपने बयानों और बागी तेवरों के लिए चर्चाओं में रहते थे।
इधर, राबड़ी देवी के आवास खाली कराने पर पहले से ही सियासत गर्म है। पूर्व मुख्यमंत्री को 10 सर्कुलर रोड आवास खाली करने का आदेश दिया गया था, हालांकि उन्हें सरकार ने दूसरा आवास आवंटित कर दिया है जो 39 हार्डिंग रोड पर स्थित है। बावजूद इसके आरजेडी ने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने साफ कहा है कि राबड़ी देवी किसी भी परिस्थिति में अपना आवास नहीं छोड़ेंगी और पार्टी इस मुद्दे पर सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरने की तैयारी में है।






















