बिहार उद्यमी संघ द्वारा शुक्रवार, 12 जुलाई को बिहार थिंक टैंक कार्यक्रम का आयोजन उद्यमी भवन के प्रांगण में हुआ। इसके मुख्य अतिथि के रूप में नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार दिल्ली से आकर उपस्थित हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के अलावा विश्वविद्यालय के कुलपति,बैंकर्स, कृषि वैज्ञानिक, स्टार्टअप आदि ने भी हिस्सा लिया।

इस दौरान मुख्य अतिथि डॉ राजीव कुमार ने भारत की आर्थिक व्यवस्था के ऊपर विशेष ध्यान केंद्रित कर कहा कि “आज से 200 वर्ष पहले भारत का विदेशी बाजार में 28% भागीदारी थी। लेकिन 1947 में यह मार्केट शेयर 18% तक आ गया। अभी 2024 में यह दर मात्र ढाई प्रतिशत रह गया है। तो हमें ध्यान देना है कि कैसे विदेशी व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़े। इसके लिए नई तरह की रणनीति पर काम करने की जरूरत है, जिसमें उद्यमियों और स्टार्टअप का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। देश की निचली पायदान का विकास से ही देश का विकास संभव है।

डॉ. राजीव कुमार ने कार्बन फुटप्रिंट पर भी पॉलिसी लेवल पर अपनी बातें रखी। उन्होंने बताया कि अभी चार गीगा टन कार्बन उत्सर्जन हो रहा है और इस पर अभी से सतर्क होकर हम सभी बुद्धिजीवी लोगों को कम करने की जरूरत है। उन्होंने बायो-नेचुरल फार्मिंग के बारे में भी बातें रखी, जिसे क्वालिटी फूड प्रोडक्ट का उत्पादन करके एक्सपोर्ट बाजार में हम बेहतर योगदान देकर देश को विकसित कर सकते हैं।

इस दौरान बिहार उद्यमी संघ के महासचिव अभिषेक कुमार ने अपनी बातें रखी कि कैसे पिछले 10 सालों में बिहार उद्यमी संघ, बिहार के हर एक जिले में जाकर जमीनी स्तर के युवाओं, महिलाओं, किसानों को जागरुक कर उद्यमिता के क्षेत्र में तरह-तरह के उपलब्ध संभावनाओं के बारे में जानकारी देता है, प्रशिक्षित करता है और इनक्यूबेशन सेंटर में लाकर उन्हें मजबूत बनाता है।
वहीं देहात कंपनी के फाउंडर शशांक कुमार ने कृषि क्षेत्र में लाखों किसानों के साथ जुड़कर उनको मजबूत बनाने और एग्रीकल्चर इकोसिस्टम के ऊपर अपनी सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। इन्होंने सिलिकॉन वैली जो कि अमेरिका के अंदर है वहां का उदाहरण पेश किया कि कैसे एक ऐसी जगह विकसित किया गया है जहां पर बिजनेस को लेकर पॉजिटिव टॉक इन्वेस्टर एंजल इन्वेस्टर सारे लोग एक साथ मिलजुल कर एक बेहतर और सकारात्मक पॉलिसी पर काम करते हैं।
मुंगेर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. श्यामा राय में कहा हमें ग्रामीण स्तर पर ट्रेनिंग एवं इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करना जरूरी है। जिससे सुदूर क्षेत्र के युवाओं को प्रशिक्षण मिले और वह एक कुशल व्यवसाय के रूप में अपने प्रतिभा को राज्य स्तर देश स्तर पर विकसित कर पाएंगे।
डॉक्टर हनीफ मेवाती (निदेसक खादी ग्रामोद्योग, भारत सरकार) ने अपनी बातों में खादी उद्योग से जुड़ी संभावनाएं सब्सिडीज के बारे में विस्तार से बताया कि कैसे खड़ी ग्रामोद्योग देश की युवाओं के लिए तरह-तरह का रोजगार संबंधित योजनाओं का काम कर रही है और उसमें ग्रामीण स्तर के युवाओं को प्रशिक्षित कर हम लोग एक मजबूत राज और राष्ट्र बनाने में मदद करते हैं।