बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, और MLA नई चुनी हुई बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha) के पहले सेशन के लिए पहुंचे। साथ ही प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव भी बिहार विधानसभा पहुंचे। उन्होंने कहा कि जो स्थिति है उसके अनुसार आज सबसे पहले 243 विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। कल विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव होने तक मैं स्पीकर के पद पर रहूंगा। उसके बाद नए स्पीकर पदभार संभालेंगे।

मंत्री श्रवण कुमार ने विपक्ष के संभावित विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विरोध का अधिकार लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन विपक्ष को यह भी स्वीकार करना चाहिए कि सरकार ने पांच साल के लिए जो रोजगार, औद्योगिक विकास और नौकरी से जुड़े कार्यक्रम बनाए हैं, वह जनता के हित में है। उन्होंने तीखे लहजे में कहा कि बार-बार वही आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों की स्थिति पिछली बार भी 40 सीटों तक सिमट गई थी, और अगर यही रवैया जारी रहा तो जनता उन्हें ‘जीरो पर आउट’ कर देगी। उन्होंने दावा किया कि सरकार जनहित के हर मुद्दे पर जवाब देने और बहस के लिए पूरी तत्परता के साथ खड़ी है।

कांग्रेस विधायकों के जदयू से संपर्क के राजनीतिक चर्चा पर श्रवण कुमार ने कूटनीतिक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विकास की राजनीति में जो भी आगे आए, उसके लिए दरवाज़ा हमेशा खुला है। हालांकि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के नाम पर पूर्ण चुप्पी साध ली, जिससे राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता और बढ़ गई है।
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इसी बीच मंत्री नितिन नवीन ने भी सत्र की शुरुआत को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि रोजगार, नौकरी और विकास से जुड़े कई बड़े मुद्दों पर सरकार अगले पांच वर्षों में ठोस काम करेगी। विपक्ष द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि जनता ने पहले ही विपक्ष को सबक सिखा दिया है, और अगर विपक्ष अब भी नहीं समझा तो आने वाले दिनों में उनका राजनीतिक भविष्य और कठिन होने वाला है।






















