बिहार विधानसभा (Bihar Vidhan Sabha) को पूरी तरह हाइटेक और पेपरलेस होने का दावा किया जाता है, लेकिन आज हुए सत्र के दौरान तकनीकी खामियों ने इन दावों पर सवाल खड़े कर दिए। बिहार विधानसभा के पहले सेशन के तीसरे दिन सेंट्रल हॉल में उस समय अजीब सा माहौल बन गई, जब गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान का भाषण शुरू होते ही ऑडियो सिस्टम फेल हो गया है। गवर्नव बोल रहें थे, लेकिन आवाज किसी भी सदस्य तक नही पहुंच रही थी।
राज्यपाल के 25 मिनट के अभिभाषण में लगभग 10 मिनट तक राज्यपाल का माइक बंद रहा। इसके बावजूद राज्यपाल ने किसी तरह अपना अभिभाषण पूरा किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इधर-उधर देखते रहे।
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विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ऑडियो सिस्टम की हालत से नाराज़ थीं। आवाज़ न आने पर RJD के विधायक बीच-बचाव करने लगे। इसके बाद राबड़ी देवी ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आवाज़ उठाई और सवाल किया कि भाषण क्यों नहीं सुनाई दे रहा है। गवर्नर ने सदस्यों को चुप रहने की सलाह दी और कहा, “मैं ज़ोर से बोलूंगा, तो आवाज़ सुनाई देगी।”
हाइटेक और पेपरलेस बताई जाने वाली विधानसभा में अभिभाषण के दौरान माइक बंद रहने की घटना के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या विधानसभा की तकनीकी व्यवस्था उतनी मजबूत है, जितने दावे किए गए थे। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उठाने के संकेत दिए हैं।
















