Bihar Voter List Controversy: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। एक चौंकाने वाले मामले में भोजपुर जिले के मिंटू पासवान नामक मतदाता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्हें ‘मृत’ घोषित कर मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया। सबसे हैरानी की बात यह है कि मिंटू पासवान पूरी तरह स्वस्थ और जीवित हैं, लेकिन आधिकारिक रेकॉर्ड में उन्हें मृतक घोषित कर दिया गया है।
मिंटू पासवान, जो आरा नगर निगम के वार्ड नंबर 1 सिंगही कला के मतदाता हैं, लंबे समय से चुनाव में मतदान करते आ रहे हैं। उनका इपिक नंबर 0701235 है और वे पेशे से मजदूर हैं। उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान बीएलओ उनके घर सत्यापन के लिए नहीं पहुंचे। बल्कि, वार्ड पार्षद से बातचीत के बाद यह मान लिया गया कि वे अब जीवित नहीं हैं।
मामला तब सामने आया जब मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशित हुआ और मिंटू पासवान ने देखा कि उनका नाम मृतक सूची में डालकर हटा दिया गया है। जब उन्होंने शिकायत की, तो 10 दिन बाद बीएलओ उनसे मिले और नाम वापस जोड़ने के लिए कई दस्तावेजों की मांग की। मिंटू का आरोप है कि यह केवल उनके साथ नहीं हुआ, बल्कि कई अन्य जीवित लोगों के नाम भी इसी तरह हटा दिए गए हैं।
इसी वार्ड की 69 वर्षीय फुलझारो देवी, वार्ड नंबर 35 के धरहरा निवासी 64 वर्षीय शंकर चौहान, 73 वर्षीय मदन चौहान और 34 वर्षीय सुधा देवी के साथ भी यही घटना घटी। इन सभी को भी मृत घोषित कर मतदाता सूची से नाम काट दिया गया। पीड़ितों ने दावा आपत्ति दर्ज कराई है और अब वे अपने नाम वापस जोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।






















